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खतरनाक भेड़िए को पकड़ना कितना है मुश्किल, क्या वो पहचान सकते हैं इंसानी गंध

भेड़िए को इंसानों के लिए सबसे खतरनाक जावनरों में एक माना जाता है, खासकर बच्चों के मामले में ये हमेशा दिखता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भेड़िए को पकड़ना कितना मुश्किल होता है.

भेड़िए को इंसानों में खासकर बच्चों के लिए सबसे खतरनाक जानवर माना जाता है. इन दिनों यूपी के बहराइच और अब सीतापुर में आदमखोर भेड़ियों ने आतंक मचाया हुआ है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों भेड़िए को सबसे खतरनाक जानवर माना जाता है और उसे पकड़ना क्यों सबसे मुश्किल होता है. जानिए भेड़िया कैसे हर दिन अपनी चालाकी बढ़ाता है, जिससे उसे पकड़ना मुश्किल होता है.

भेड़िया 

बता दें कि भेड़ियों का जिक्र जब भी होता है तो सिर्फ इनके आतंक की चर्चा होती है. यूपी के बहराइच में भेड़ियों ने एक महिला समेत 8 मासूमों को अपना शिकार बनाया है. वहीं जिला वन विभाग के मुताबिक अब तक 4 आदमखोर भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है, वहीं 2 अन्य भेड़िओं को पकड़ने की तैयारी है. इन्हें पकड़ने के लिए ड्रोन और ट्रेंकुलाइजर की मदद ली जा रही है.

भेड़िए को पकड़ना मुश्किल?

विशेषज्ञों के मुताबिक  भेड़िए की सूंघने की क्षमता बहुत तेज होती है. ये दूर मौजूद इंसानों की गंध पहचान लेते हैं और सतर्क हो जाते हैं. इतना ही नहीं यह अपने साथियों को कभी अकेला नहीं छोड़ते है. कहा जाता है कि अगर किसी साथी को कोई शिकार फंसाकर लेकर जाता है, तो ये वहां तक हमला कर सकते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह गंध है..

क्या कहती है रिसर्च

एक रिसर्च के मुताबिक कुत्ते और भेड़िए अपने आसपास हो रही घटनाओं से सीखते हैं.  किसी दूसरे जानवर के साथ होने वाली घटनाओं पर भी ये ध्यान रखते हैं. यही वजह है कि ये आसपास के दूसरे जानवरों के मुकाबले ज्यादा चालाक होते हैं. इसके अलावा ये सबसे अधिक बच्चों पर हमला करते हैं, क्योंकि इन्हें पता होता है कि बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं. वहीं कई मामलों में देखा गया है कि बच्चे भेड़ियों को कुत्ता समझकर उनकी तरफ आकर्षित होकर खेलने के आगे बढ़ते है और भेड़िया शिकार बना लेता है.

दूर-दूर तक का सफर 

जानकारी के मुताबिक भेड़िए में अपने समूह में एक दिन में करीब 50 किलोमीटर तक का सफर करते हैं. ये अपने साथियों से बात करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं. इसके लिए ये आवाज से बॉडी लैंग्वेज और अपनी गंध छोड़ते हैं. भेड़ियों के विशेषज्ञों के मुताबिक  ये दोस्ती के मामले में बहुत सच्चे होते हैं. ये अपने साथियों की देखभाल करने में आगे होते हैं. वहीं बूढ़े होने तक ये अपनी साथी को नहीं छोड़ते हैं. इसके अलावा पुराना भेड़िया नए को शिकार करने की रणनीति भी सिखाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक भेड़ियों से सामना होने पर पीठ दिखाकर नहीं भागना चाहिए, जबकि उनकी आंखों में आंख डालकर देखना चाहिए और धीरे-धीरे कदम पीछे करना चाहिए. वहीं आस-पास पत्थर, लोहा, लकड़ी जो मिले, उससे उसको और उसके झुंड को तेज आवाज निकालकर डराना चाहिए.

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