वैश्विक उर्वरक मार्केट में बढ़ती कीमतें: ब्राजील की खरीद और चीन की निर्यात पर रोक का प्रभाव

वैश्विक उर्वरक मार्केट में बढ़ती कीमतें: ब्राजील की खरीद और चीन की निर्यात पर रोक का प्रभाव
X

वैश्विक उर्वरक मार्केट में बढ़ती कीमतें: ब्राजील की खरीद और चीन की निर्यात पर रोक का प्रभाव

खेत खजाना: वैश्विक उर्वरक मार्केट में हाल के दिनों में उच्चतम कीमतों में वृद्धि दर्शाई गई है। यूरिया और डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की कीमतों में पिछले एक महीने में 150 डॉलर प्रति टन तक की वृद्धि आई है। इस बढ़ोतरी के पीछे दो मुख्य कारक हैं - ब्राजील की खरीद और चीन की डीएपी निर्यात पर लगाई गई रोक।

ब्राजील की खरीद और चीन की निर्यात पर रोक का प्रभाव

ब्राजील द्वारा बड़ी मात्रा में उर्वरकों की खरीद ने कीमतों में उच्चतम स्तरों को पहुंचाया है। इसके अलावा, चीन ने डीएपी के निर्यात पर सितंबर तक रोक लगा दी है, जिसने भी कीमतों को बढ़ावा दिया है। विश्व उर्वरक मार्केट में इन घटनाओं के साथ, कीमतों में तेजी आई है और यह स्थिति आगे भी बनी रह सकती है।

कीमतों का असर और उद्योग के चुनौतियाँ

कीमतों में वृद्धि के कारण उर्वरक उद्योग के लिए चुनौतियाँ पैदा हो सकती हैं। उर्वरकों पर सरकार की सब्सिडी में कटौती का असर भी हो सकता है। ब्राजील से बड़ी मात्रा में उर्वरक की मांग के कारण कीमतों में वृद्धि हो रही है, जो उद्योग को महंगा कर सकता है। चीन द्वारा डीएपी के निर्यात पर रोक भी उद्योग को प्रभावित कर सकती है।

भारत विश्वव्यापी उर्वरक मार्केट में महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, जो हर साल बड़ी मात्रा में उर्वरक का आयात करता है। भारत चीन से हर साल 15 से 20 लाख टन डीएपी का आयात करता है और करीब 10 लाख टन यूरिया का भी आयात चीन से होता है। इसलिए यह बढ़ती कीमतें भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं।

वैश्विक उर्वरक मार्केट में कीमतों में वृद्धि के पीछे ब्राजील की खरीद और चीन की डीएपी निर्यात पर रोक का प्रभाव है। उर्वरक उद्योग को इस तेजी में चुनौतियाँ आ सकती हैं, और सरकार को सब्सिडी देने के मामले में भी चुनौतियाँ हो सकती हैं। भारत के लिए भी इस स्थिति में नए संवाद साधने की आवश्यकता है।

Tags:
Next Story
Share it