ऐसी खेती बिना खर्च लाखो की कमाई ,एक बार लगाने पर दस साल लगाने की जरूरत नहीं ,जाने कैसे और कब करे .

केले की खेती हिंदी भूमि में एक लाभकारी व्यावसाय है, जो न केवल आपको स्वस्थ फल प्रदान करता है बल्कि आपको आच्छे लाभ भी प्रदान कर सकता है।

ऐसी खेती बिना खर्च लाखो की कमाई ,एक बार लगाने पर दस साल लगाने की जरूरत नहीं ,जाने कैसे और कब करे .
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ऐसी खेती बिना खर्च लाखो की कमाई ,एक बार लगाने पर दस साल लगाने की जरूरत नहीं ,जाने कैसे और कब करे .

केले की खेती: सही तकनीक और आसान टिप्स से पाएं अच्छी कमाई

केले की खेती हिंदी भूमि में एक लाभकारी व्यावसाय है, जो न केवल आपको स्वस्थ फल प्रदान करता है बल्कि आपको आच्छे लाभ भी प्रदान कर सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे केले की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और इससे संबंधित कमाई को बढ़ाने के उपायों के बारे में।

केले की खेती की शुरुआत:

केले की खेती के लिए सही तरह की शुरुआत मिट्टी की संरचना को सुधारने से होती है। गहरे गड्ढों की खोदाई में जमीन की तैयारी करने और उर्वरता बनाए रखने से केले के पौधे अच्छे से बढ़ते हैं। मिट्टी में पर्याप्त उर्वरता, नमी, और अच्छा जल निकास होना चाहिए।

केले की खेती के लिए आदर्श तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस है, और इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 4.5 से लेकर 8.0 तक होना चाहिए। यह भी ध्यान देने योग्य है कि सर्दी और गर्मी दोनों ही केले के पौधों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

खेती की लागत और आय:

एक हेक्टेयर में 60 टन केले उगा सकते हैं, और एक बीघे में केले की खेती के लिए लगने वाली लागत लगभग 50,000 रुपये है। इसमें समाहित है बीज, ऊर्वरता निर्माण, सिंचाई, और खाद की खर्च की जानकारी। इससे दो लाख रुपये तक की बचत हो सकती है और सालाना कमाई डेढ़ से दो लाख रुपये तक हो सकती है।

जैविक खेती का महत्व:

खेती के इलाके में जो केले की खेती हो रही है, वह जैविक है। यहां के किसान गोबर के खाद का इस्तेमाल करते हैं, जिससे खेत की उपज क्षमता बढ़ती है। खेत की उपज को बढ़ाने के लिए किसान खेती के बाद बचे केले का कचरा खेत में ही खाद के रूप में बदलते हैं।

खेती की विधि:

डॉक्टर एस के सिंह के अनुसार, सबसे पहले जमीन की तैयारी करनी चाहिए। उच्च गुणवत्ता वाली मिट्टी में खेती करने के लिए मृदा की संरचना को सुधारना महत्वपूर्ण है। केला 4.5 से 8.0 तक पी.एच मान वाली मिट्टी में अच्छे से उगाया जा सकता है। फिर किसान को बीज के चयन में सावधानी बरतनी चाहिए।

बीजों का सीधे बुआई का भी एक अच्छा तरीका है, जिससे पौधों का अच्छा समर्थन मिलता है। सिंचाई के लिए ट्रिपल रोल सिंचाई पुर्जा अच्छा होता है और खाद का समर्थन देने के लिए पोटैश नाइट्रेट और यूरिया का उपयोग कर सकते हैं।

नई तकनीकें और स्वच्छता:

केले की खेती में नई तकनीकों का उपयोग करना भी फायदेमंद है। उच्च बीज उत्पादन वाले पौधों को चुनना चाहिए और बीजों को उच्च गुणवत्ता वाले कीटनाशकों से अच्छे से सिंचाई करना चाहिए।

साथ ही, खेती क्षेत्र को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने के लिए सबसे अच्छे अनुसरण का पालन करना चाहिए। खेती में नई तकनीकों का उपयोग करने से फसल की उपज में वृद्धि हो सकती है और किसान अधिक लाभ कमा सकता है।

इस प्रकार, केले की खेती में सफलता प्राप्त करने के लिए सही तकनीक, उपाय, और नई तकनीकों का उपयोग करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है।

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