हरियाणा किसानों के लिए गेहूं में पोपलर उगाने का मौका, लाखों रुपये की योजना से जुड़ें और प्रदूषण को कम करें.

किसानों के लिए एक नई योजना का आगाज हुआ है, जिसमें गेहूं की फसल में पोपलर उगाने पर सरकार द्वारा बड़ी प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।

हरियाणा किसानों के लिए गेहूं में पोपलर उगाने का मौका, लाखों रुपये की योजना से जुड़ें और प्रदूषण को कम करें.
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हरियाणा किसानों के लिए गेहूं में पोपलर उगाने का मौका, लाखों रुपये की योजना से जुड़ें और प्रदूषण को कम करें.

हरियाणा के किसानों के लिए एक नई योजना का आगाज हुआ है, जिसमें गेहूं की फसल में पोपलर उगाने पर सरकार द्वारा बड़ी प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इस योजना से किसानों को नहीं सिर्फ आर्थिक सहारा मिलेगा, बल्कि प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी। इस लेख में, हम इस योजना के बारे में विस्तार से जानेंगे और कैसे यह किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर बन सकता है।

योजना का विवरण:

हरियाणा के कृषि विभाग ने गेहूं की फसल में पोपलर उगाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत प्रति एकड़ जमीन पर पोपलर उगाने पर किसान को 2,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसका लाभ हरियाणा के 12 जिलों में होगा, जिसमें अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, जिंद, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, और यमुनानगर शामिल हैं। इसके लिए कुल 16805 एकड़ भूमि पर किसानों को कुल 336.10 लाख रुपये देने का लक्ष्य रखा गया है।

योजना के लाभ:

आर्थिक सहारा: योजना के तहत, किसानों को पोपलर उगाने पर आर्थिक प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे उन्हें अधिक आय प्राप्त होगी।

प्रदूषण कमी: गेहूं की फसल में पोपलर उगाने से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, क्योंकि यह वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाएगा और प्रदूषण को कम करेगा।

योजना के लिए जिला-भूमि और निर्धारित राशि:

जिला भूमि (एकड़) निर्धारित राशि (लाख में)

अंबाला -1500- 30.00

फतेहाबाद -1200- 24.00

हिसार- 1800- 36.00

कैथल- 1000 -20.00

करनाल- 1300- 26.00

कुरूक्षेत्र -1600- 32.00

जिंद -1400- 28.00

पानीपत- 1100- 22.00

रोहतक- 1700 -34.00

सिरसा- 1900- 38.00

सोनीपत- 2000- 40.00

यमुनानगर -1250 25.00

योजना के तहत कृषि विभाग ने 12 जिलों के उप निदेशकों को योजना के क्रियान्वयन के लिए 7 नवंबर को पत्र जारी किया है।

गेहूं में पोपलर उगाने का दोहरा फायदा:

योजना के तहत गेहूं की फसल में पोपलर उगाने से किसानों को दोहरा फायदा होता है। पहले, वह अपनी जमीन से गेहूं की उपज प्राप्त करता है और दूसरी ओर, पोपलर से आय का एक अलग स्रोत बनता है। चिनार की खेती से प्रदूषण कम होता है और वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे हरियाणा का साफ और हरित पर्यावरण बनता है।

योजना का उद्दीपन:

हरियाणा के किसानों के लिए यह योजना एक सुनहरा अवसर है जिससे उन्हें न केवल आर्थिक सहारा मिलेगा, बल्कि वे प्रदूषण को भी कम करके अपने क्षेत्र का समृद्धि कर सकते हैं। यह योजना एक प्रगतिशील कदम है जो हरियाणा को हरित, स्वस्थ, और समृद्धि शील बनाने में मदद कर सकता है।

इस योजना के तहत, हरियाणा के किसानों को एक नई दिशा मिल रही है जो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बना सकती है और प्रदूषण को भी कम कर सकती है। यह एक उत्कृष्ट पहल है जो अगली पीढ़ी के लिए एक सुरक्षित और हरित भविष्य बनाने में मदद कर सकती है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से हरियाणा अपनी कृषि उत्पादन को और भी सुदृढ़ बना सकता है और आगे बढ़ सकता है।

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