गन्ने की अधिक पैदावार के लिए और बम्फर पैदावार के लिए कुछ आसान टिप्स जाने कैसे करे देखभाल.
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों ने गन्ना किसानों को कुछ सावधानियां बताई हैं जो इस विषय में महत्वपूर्ण हैं।

गन्ने की अधिक पैदावार के लिए और बम्फर पैदावार के लिए कुछ आसान टिप्स जाने कैसे करे देखभाल.
गन्ने की बुवाई में ध्यान देने वाले सुझाव:
गन्ने की बुवाई एक महत्वपूर्ण कृषि प्रक्रिया है और इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव हैं। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों ने गन्ना किसानों को कुछ सावधानियां बताई हैं जो इस विषय में महत्वपूर्ण हैं।
खेत की तैयारी:
गहरी जुताई करें और खेत को तैयार करें।
ट्रेंच विधि से कूड़ बनाएं और उसमें प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 10 टन गोबर की सड़ी डालें।
बुवाई की विधि:
सिंगल बड़ से बुवाई करने से बीज का उत्पादन 10-12 क्विंटल होगा।
दो आंख के गन्ने की बुवाई से 65-70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर बीज की खपत होगी।
उर्वरकों का इस्तेमाल:
यूरिया, सिंगल सुपर फास्फेट, MOP, जिंक सल्फेट, और रीजेंट का उपयोग करें।
जैविक उर्वरकों का भी इस्तेमाल करें, जैसे कि बवेरिया बेसियाना मेटाराइजियम एनिसोप्ली और पीएसबी।
लाइन की दूरी:
बुवाई के दौरान लाइन की दूरी को 4 फीट से कम रखें और बुवाई को 20 सेंटीमीटर तक की गहराई पर करें।
सहफसली खेती:
गन्ने के साथ सहफसली खेती करने से लागत में कमी होगी और किसानों को आर्थिक मदद होगी।
गन्ने की बुवाई में योगदान देने वाले उर्वरक:
उर्वरक मात्रा (प्रति हेक्टेयर)
यूरिया 100 किलो
सिंगल सुपर फास्फेट 500 किलो
MOP 100 किलो
जिंक सल्फेट 25 किलो
रीजेंट 25 किलो
बवेरिया बेसियाना मेटाराइजियम एनिसोप्ली 5 किलो
पीएसबी 10 किलो
यह एजोटोबैक्टर 10 किलो
बुवाई की तकनीक:
गहरी जुताई: खेत को अच्छे से तैयार करने के लिए गहरी जुताई करें।
ट्रेंच विधि: प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 10 टन गोबर की सड़ी ट्रेंच में डालें।
बीज की बुवाई: सिंगल बड़ से बुवाई करें ताकि बीज का उत्पादन बढ़े।
उर्वरकों का मिश्रण: उर्वरकों को मिट्टी में अच्छे से मिला दें।
लाइन की दूरी: बुवाई के दौरान लाइन की दूरी को ध्यानपूर्वक बनाएं।
गन्ने के साथ सहफसली की खेती करके आर्थिक मदद प्राप्त करें।