जनवरी में करे तरबूज की खेती अधिक मुनाफा कमाने के लिए , उन्नत किस्में, बुआई से हार्वेस्टिंग तक की पूरी जानकारी.

तरबूज बुआई का सीजन जनवरी में शुरू होता है और मार्च में हार्वेस्टिंग किया जाता है। भूमि का सही चयन और मौसम की अवधि इस फसल के महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं

जनवरी में करे तरबूज की खेती अधिक मुनाफा कमाने के लिए , उन्नत किस्में, बुआई से हार्वेस्टिंग तक की पूरी जानकारी.
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जनवरी में करे तरबूज की खेती अधिक मुनाफा कमाने के लिए , उन्नत किस्में, बुआई से हार्वेस्टिंग तक की पूरी जानकारी.

भूमि की चयन और मौसम

तरबूज की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। महाराष्ट्र में इसकी खेती लगभग 660 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है और इसे गर्मी के मौसम में नदी घाटियों और बागवानी फसलों में उगाया जाता है। तरबूज की बुआई का सीजन दिसंबर से जनवरी में शुरू होता है और मार्च में हार्वेस्टिंग किया जाता है। भूमि का सही चयन और मौसम की अवधि इस फसल के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

भूमि उपयुक्तता और उन्नत किस्में

तरबूज के लिए मध्यम काली जल निकासी वाली मिट्टी उपयुक्त होती है, जिसका स्तर 5.5 से 7 तक होना चाहिए। उन्नत किस्मों में शुगर बेबी, अर्का ज्योति, पूसा बेदाना शामिल हैं, जो कम समय में फल तैयार करने में सहायक होती हैं।

बुआई का समय और उपायें

उत्तर भारतीय मैदानी इलाकों में तरबूज की बुआई फरवरी-मार्च में होती है, जबकि महाराष्ट्र में यह दिसंबर से जनवरी में की जाती है। सिंचाई की अच्छी प्रणाली और उर्वरक का सही उपयोग किसानों को बेहतर उत्पादन की सुनिश्चित करने में मदद करता है।

उर्वरक और सिंचाई

उर्वरकों का सही उपयोग तरबूज की खेती के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उर्वरकों और पानी की सही मात्रा में डालना और सिंचाई का सही समय बेहतर उत्पादन के लिए आवश्यक है।

उर्वरक और सिंचाई की सुझावित मात्रा

उर्वरक प्रति हेक्टेयर में मात्रा सिंचाई का समय

नाइट्रोजन 50 किलो बुआई से पहले और हार्वेस्टिंग के बाद

फॉस्फोरस 50 किलो दूसरे सप्ताह में 50 किलो एन देना

पोटैश 50 किलो हर 15 दिन में फसल की सिंचाई

रोग-कीट से बचाव

तरबूज को रोग और कीट से बचाए रखने के लिए उपायों की जरूरत है। डिनोकैप या कार्बेन्डाजिम का प्रयोग स्प्रे के रूप में किया जा सकता है, जो 15 दिनों के अंतराल पर किया जा सकता है।

खेती से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु

तरबूज की खेती से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखना आवश्यक है:

फसल का अच्छा प्रबंधन करने के लिए नियमित रूप से खेत की घास काटना चाहिए।

पूरे सीजन में सिंचाई का सुनिश्चित रूप से किया जाना चाहिए, खासकर बूंद बूंद सिंचाई अच्छी होती है।

खेत में सुरक्षित पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए अच्छे किसान इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं।

अगर आप तरबूज की खेती के बारे में और जानकारी चाहते हैं, तो हमसे संपर्क करें:

इस पूरी जानकारी के साथ, आप तरबूज की खेती के लिए सही रणनीति बना सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। खेती में सफलता प्राप्त करने के लिए सभी निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन करें और अपनी खेती को बेहतर बनाएं।

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