अधिकतम पैदावार और लाभ के साथ तरबूज की खेती: उन्नत किस्में, खेती का तरीका और बजट.

फरवरी को बुवाई के लिए उत्तम समय माना जाता है।

अधिकतम पैदावार और लाभ के साथ तरबूज की खेती: उन्नत किस्में, खेती का तरीका और बजट.
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अधिकतम पैदावार और लाभ के साथ तरबूज की खेती: उन्नत किस्में, खेती का तरीका और बजट.

तरबूज की खेती: उन्नत किस्में, उत्तम तरीके और मुनाफा

तरबूज की खेती के लिए सही समय:

दिसंबर से मार्च तक खेती की जा सकती है।

मध्य फरवरी को बुवाई के लिए उत्तम समय माना जाता है।

पहाड़ी क्षेत्रों में मार्च-अप्रैल के महीनों में खेती की जा सकती है।

जलवायु और मिट्टी के लिए उपयुक्तता:

अधिक तापमान वाली जलवायु उत्तम होती है।

मिट्टी का pH मान 5.5-7.0 के बीच होना चाहिए।

रेतीली और रेतीली दोमट भूमि उत्तम हैं।

उन्नत किस्में:

शुगर बेबी, अर्का ज्योति, आशायी यामातो, डब्लू. 19, पूसा बेदाना, और अर्का मानिक।

हाइब्रिड या संकर किस्में भी उपलब्ध हैं।

खेत की तैयारी:

मिट्टी पलटने वाले हल से शुरू करें।

गोबर की खाद और उर्वरक का प्रयोग करें।

नदियों के किनारे में क्यारियां बनाएं।

खेती की तकनीक:

समतल भूमि में या डौलियों पर बोवनी करें।

तुड़ाई के बाद 10-15 दिन के बाद सिंचाई की जाए।

फलों को 3 महीने के बाद तोड़ें।

लाभ और बजट:

खर्च: खेत तैयारी, बीज, कीटनाशक, तुड़ाई, आदि।

लाभ: बीज के मूल्य और पैदावार के हिसाब से मुनाफा।

खर्च का विवरण राशि (रुपए)

खेत तैयारी 5000

बीज 1500

कीटनाशक 4000

तुड़ाई (30 मजदूर) 6000

कुल खर्च 16500

आंकड़ों के अनुसार, तरबूज की खेती से शुद्ध मुनाफा तकरीबन 3,33,500 रुपए हो सकता है।

इस लेख में तरबूज की खेती के लिए आवश्यक जानकारी दी गई है, जो किसानों को उन्नत तकनीक और अधिक लाभ प्राप्ति में मदद कर सकती है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि खेती की हर कदम पर उचित देखभाल और प्रबंधन किया जाए, ताकि बेहतर पैदावार और अधिक लाभ हासिल किया जा सके।

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