करेले की मचान विधि से खेती: लाखों की कमाई के लिए ,जाने कब और कैसे करे .

किसानों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे सड़न-गलने का जोखिम कम होता है और उत्पादन भी बढ़ता है।इस विधि के बारे में और बेहतर करेले की खेती के बारे में बात करेंगे।

करेले की मचान विधि से खेती: लाखों की कमाई के लिए ,जाने कब और कैसे करे .
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करेले की मचान विधि से खेती: लाखों की कमाई के लिए ,जाने कब और कैसे करे .

करेले की व्यावसायिक खेती में मचान विधि का उपयोग करके किसान लाखों कमा रहे हैं। यह विधि खासकर छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे सड़न-गलने का जोखिम कम होता है और उत्पादन भी बढ़ता है। यहां हम इस विधि के बारे में और बेहतर करेले की खेती के बारे में बात करेंगे।

खेती के लिए हाइब्रिड करेले का चयन

देसी करेले के बजाय हाइब्रिड करेले का उत्पादन ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

हाइब्रिड करेले के पौधे तेजी से बढ़ते हैं और उनके फल भी बड़े और स्वादिष्ट होते हैं।

इनकी खेती भी देसी करेले की तरह ही की जा सकती है, लेकिन उत्पादन में अंतर होता है।

बेहतरीन हाइब्रिड करेले की किस्में

किस्म फलों की लंबाई (सेमी) फलों का वजन (ग्राम) प्रति हेक्टेयर उत्पादन (क्विंटल)

प्रिया 12-13 80-90 72-76

कोयंबटूर लौंग - - -

पूसा टू सीजनल - - -

कल्याणपुर - - -

कोयंबटूर लॉन्ग - - -

हाइब्रिड करेले की खेती कैसे करें

मिट्टी का चयन: बेहतर उत्पादन के लिए बलुई दोमट मिट्टी का उपयोग करें।

बीज का चयन: उच्च गुणवत्ता वाले हाइब्रिड बीजों का चयन करें।

पौधों की बोई: पौधों को जैविक विधि से तैयार करने के बाद खेत में उगाएं।

मचान बनाना: बेलों को फैलाने के लिए मचान बनाएं।

कीटनाशक का इस्तेमाल: कीट-रोगों को रोकने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।

सावधानियां

करेले के पौधों पर कीटों और बीमारियों का ध्यान रखें।

केवल प्रमाणित दुकान से अच्छी गुणवत्ता के बीज का उपयोग करें।

इस विधि से करेले की खेती करके किसान बेहतर उत्पादन और अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रखें कि निरंतर निगरानी और सावधानी बरतें।

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