यहां जाने जीरे की खेती की उत्तम तकनीक, बुवाई करें इन टॉप किस्मो की, अगर भाव यही रहा तो प्रति हेक्टेयर होगा 4 लाख से भी अधिक का फायदा

जीरे की उन्नत किस्में जैसे आर जेड-19, आर जेड-209, जी सी-4, आर जेड-223 हैं, जो उत्पादन में विशेषज्ञता लाती हैं।

यहां जाने जीरे की खेती की उत्तम तकनीक, बुवाई करें इन टॉप किस्मो की, अगर भाव यही रहा तो प्रति हेक्टेयर होगा 4 लाख से भी अधिक का फायदा
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यहां जाने जीरे की खेती की उत्तम तकनीक, बुवाई करें इन टॉप किस्मो की, अगर भाव यही रहा तो प्रति हेक्टेयर होगा 4 लाख से भी अधिक का फायदा

मसाला फसलों में जीरा एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसका उपयोग हर घर की रसोईघर में होता है। जीरे का सेवन न केवल स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि स्वास्थ के लाभ के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसे छाछ, दही में डालकर खाया जाता है और इसके सेवन से पाचन में सुधार होता है।




जीरे की विशेषताएं

जीरे का वानस्पतिक नाम क्यूमिनम सायमिनम है, जो पार्सले परिवार का हर्बेशियस पौधा है। इसका पौधा छतरीनुमा होता है और पुष्पों की शाखाएं उगती हैं। जीरे की उन्नत किस्में जैसे आर जेड-19, आर जेड-209, जी सी-4, आर जेड-223 हैं, जो उत्पादन में विशेषज्ञता लाती हैं।

किस्म पूर्णता (दिन) उत्पादन (क्विंटल/हेक्टेयर) रोग प्रतिरोध

आर जेड-19, 120-125, 9-11, कम

आर जेड-209, 120-125, 7-8, कम

जी सी-4, 105-110, 7-9, संवेदनशील

आर जेड-223, 110-115, 6-8, रोधक

जीरे की खेती का तरीका

खेत की तैयारी

खेत को गहरी जुताई के साथ समतल करें और क्यारी बनाएं। 2 किलो बीज प्रति बीघा लेकर उपचारित करें और 30 सेमी दूरी पर छिड़कें। बुवाई के 2-3 सप्ताह पहले गोबर खाद मिलाएं और खेत में डालें। नत्रजन, फॉस्फोरस, और पोटाश उर्वरक भी दें। बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें और फिर 8-10 दिन के अंतराल में सिंचाई करें।

खरपतवार नियंत्रण

पेडिंमिथेलीन खरतपतवार नाशक का उपयोग करें और फिर फसल चक्र अपनाएं।

कटाई

जब बीज और पौधे भूरे हो जाएं, तो कटाई करें और सुखाकर भंडारित करें।

खेती से प्राप्त लाभ

जीरे की खेती से लगभग 9-10 क्विंटल का उत्पादन प्रति हेक्टेयर होता है और अगर बाजार भाव यही रहा तो प्रति बीघा किसान 3 से 4 लख रुपए आसानी से कमा सकते हैं फसल चक्र और उचित खेती तकनीकियों का अपनाना इस खेती को और भी लाभकारी बना सकता है।

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