बीमारी से खेदड़ में 40 से अधिक पशुओं की मौत, पशु चिकित्सक और अधिकारी गांव का करेंगे दौरा

डीडीए डा. सुभाष ने लिया मामले में संज्ञान, आज पशु चिकित्सक और अधिकारी गांव का करेंगे दौरा

बीमारी से खेदड़ में 40 से अधिक पशुओं की मौत, पशु चिकित्सक और अधिकारी गांव का करेंगे दौरा
X

बस्वाला : खेदड़ में पशुओं में बीमारी फैलने से 40 से अधिक पशुओं की मौत हो गई है। ग्रामीणों के अनुसार पशु पहले चारा खारा छोड़ देते हैं, फिर अचानक जमीन पर गिर जाते जाते हैं। जमीन पर गिरने के चंद मिनट बाद पशु की मौत हो जाती है। तीन दिन में करीब 40 से 50 पशुओं की मौत हो गई है। इसमें अधिकांश भैंस व कटड़े हैं। पशुपालन विभाग मामले में गंभीर नजर नहीं आ रहा है। आलम ये है कि बरवाला के खेदड़ क्षेत्र में जिस पशु चिकित्सक की ड्यूटी है, वह लोगों के फोन तक का जवाब देने से दूरी बना रहे हैं, ऐसे में पशु बचाव के प्रबंध कितने पुख्ता होंगे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है।

ग्रामीणों की मानें तो करीब 15 दिनों से यह अज्ञात बीमारी पशुओं में आई हुई है। पिछले तीन दिनों से बीमारी के कारण पशुओं की मौत तेजी से हो रही है। पशु चिकित्सक ने अभी तक गांव की सुध नहीं ली है, इससे ग्रामीणों में काफी रोष है।

सूचना मिलते ही एक्शन में आए

पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप निदेशक डा. सुभाष जांगड़ा को अज्ञात बीमारी से पशुओं की मौत की सूचना मिली तो उन्होंने वीएस से संपर्क साधा। डा. सुभाष जांगड़ा एक्शन मोड में आए और इस पूरे घटनाक्रम की वीएस से रिपोर्ट मांग ली है। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में उचित संज्ञान लिया जाएगा। संभव हुआ तो वे स्वयं भी गांव जाकर स्थिति का आता जायजा लेंगे। ऐसे में अब वीएस से लेकर पशुपालन एवं डेयरी विभाग की टीम बुधवार को गांव खेदड़ में नजर आएगी।

सरकार दे मुआवजाः नैन

भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान रामकेश नैन ने बताया कि खेदह गांव में पशुओं में भयंकर महामारी आई हुई है। 15 दिनों से अज्ञात बीमारी का पशु शिकार हो रहे है। अब तक 40 से 50 पशुओं की मौत हो चुकी है। नैन ने मांग की कि जिन किसानों या पशुपालकों के पशुओं की मौत हो चुकी है, उनको सरकार की तरफ से उचित मुआवजा दिया जाए।

अचानक मर रहे पशुः ग्रामीण

ग्रामीण चोले कि कई पशुओं के मुंह में भी छाले पड़ रहे है। इससे पशुओं को खाने पीने में परेशानी हो रही है। पशुओं को चलने-फिरने में भी दिक्कत हो रही है। पशु कमजोर होकर अचानक जमीन पर गिर जाता है। कुछ की तो मुंह में झाग भी आ रहे है। यह सिलसिला कई दिनों से जारी है। पशुपालक बोले एक-एक पशु की कीमत करीव एक से डेढ़ लाख रुपये तक की है। इन पशुओं की मौत से पशुपालक को बड़े स्तर पर आर्थिक नुकसान हो रहा है

खेदड़ में पशुओं की मौत का मामला मंगवार को मेरे संज्ञान में आया है। इस बारे में वीएस से रिपोर्ट मांगी है। बुधवार को मौका निरीक्षण कर पशुओं की मौत का कारण की जानकारी जुटाई जाएगी।

डा. सुभाष जांगड़ा, उपनिदेशक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हिसार।

पशुओं को टीके लगे या नहीं इसकी भी होगी जांच

डा. सुभाष जांगड़ा ने बताया कि पहले इस बात का पता लगाया जाएगा कि जो पशु मरे हैं, उन पशुओं के मालिकों ने उन पशुओं को टीके लगवाए थे या नहीं। यह बात अहम है इसकी जानकारी जुटाई जाएगी।

फील्ड में नहीं पहुंच रहे अधिकारी

प्रदेश सरकार गांव-गांव में पशु चिकित्सा सुविधा पहुंचाने की दिशा में कई अहम कदम उठा रही है। जागरूकता के नाम पर भी लाखों करो हों खर्च हो रहे है जबकि वास्तविकता देखी जाए तो गांव में तीन दिन से पालतु पशुओं की मौत हो रही है और अभी तक जिन जिम्मेदार चिकित्सकों व अफसरों की फील्ड में ड्यूटी है, वे मूकदर्शक बने हुए हैं।

Tags:
Next Story
Share it