फसलों पर रोग: खेतीबाड़ी में समस्याओं का समाधान के लिए संपर्क करें, 72 घंटे में समाधान प्राप्त करें

फसलों पर रोग: खेतीबाड़ी में समस्याओं का समाधान के लिए संपर्क करें, 72 घंटे में समाधान प्राप्त करें
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कृषि मौसम का खरीफ अवसर आ चुका है और इन दिनों किसानों ने खेती में प्रमुख फसल धान की बोवाई की है, जो देश के कई राज्यों में जारी है। धान की बोवाई को मॉनसून की बारिश का उपहार माना जा रहा है। गत कुछ दिनों में तेज और भारी वर्षा ने देश के कई राज्यों में आई है। इस मॉनसूनी बारिश के मद्देनजर किसानों ने खरीफ फसलों की बोवाई की जल्दबाजी की है, लेकिन किसानों को इस मेहनत के साथ-साथ कशमकश और रोग नियंत्रण की योजना भी बनानी चाहिए, जिससे वे बेहतर उत्पादन कर सकें। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को दो मोबाइल नंबर रखने की जरूरत होती है, जिनके माध्यम से वे व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क करके फसल संरक्षण से जुड़ी किसी भी समस्या या चिंता का समाधान 72 घंटे में प्राप्त कर सकते हैं।

इन मोबाइल नंबरों पर पाएं समस्या का समाधान

किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान होना आवश्यक है, इसलिए सरकारें इस पर काम कर रही हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राज्य के किसानों की फसल संरक्षा से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए पहल की है। फसल संरक्षा का अर्थ है, फसलों पर प्रभाव डालने वाले रोग, कष्‍ट, और कीटों से हैं। इसके बारे में जानकारी देते हुए लखनऊ के कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. विनय सिंह ने बताया कि अगर किसी किसान की फसल में कोई रोग है, या किसी भी प्रकार की कष्ट से किसान परेशान है, तो ऐसे प्रदेश के किसान अपनी शिकायतों को फोटो के साथ व्हाट्सएप कर सकते हैं। यह शिकायत जिला कृषि अधिकारी के पास पहुंचेगी, किसानों को सिर्फ अपना पता देना होता है, जिसका समाधान 72 घंटे के अंदर किसानों के मोबाइल नंबर पर मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इन नंबरों पर किसानों की फसल संरक्षा संबंधी शिकायतों का ही समाधान होगा। अगर कोई किसान पीएम-किसान जैसी योजनाओं संबंधी शिकायत करता है, तो उन्हें इन नंबरों पर शिकायत करने के बाद भी निराशा होगी।

खरपतवार नियंत्रण में ध्यान दें

खरीफ सीजन में मुख्य फसल धान की बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि किसान खरपतवार नियंत्रण पर ध्यान दें। इसके बारे में जानकारी देते हुए लखनऊ के कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. विनय सिंह ने बताया कि किसान धान की बोवाई के प्रारंभिक दिनों में या बोवाई के बाद खरपतवार नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय अपना सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसानों ने धान की सीधी बोवाई की है, तो वे दो दिनों के भीतर खेत में पानी भरे होने की स्थिति में प्रेटिलाक्लोर 1.25 लीटर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव कर सकते हैं। वहीं अगर रोपाई की है तो तीन दिनों के अंदर वह प्रेटिलाक्लोर 1.25 लीटर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव कर सकते हैं। वहीं अगर खरपतवार निकलने के बाद किसान इसके नियंत्रण में काम करते हैं, तो वह डिस्पायरी बैक सोडियम 200 एमएल प्रति हेक्टेयर का छिड़काव रोपाई के 30वें दिन के पास कर सकते हैं। इससे सखरी और चौड़ी पत्ती खत्म की जा सकती है।

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