कम समय में ज्यादा पैदावार देने वाली धान की 10 मुख्य किस्में,यहां देखे फुल डिटेल
किसान भाइयों और बहनों, धान के सीज़न के आने के बाद, हम आपको उन धान की खेती के बारे में जानकारी देंगे, जो कम समय में ज्यादा पैदावार करने के लिए प्रमुख हैं
धान की विविधता: भारत में धान की बुवाई
भारत में खरीफ सीजन में धान की बुवाई की जाती है, और इस देश में लाखों करोड़ किसान धान की खेती करते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में करते हैं, उसके बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, पंजाब, और अन्य राज्य भी धान की खेती करते हैं। किसान भाइयों और बहनों, धान के सीज़न के आने के बाद, हम आपको उन धान की खेती के बारे में जानकारी देंगे, जो कम समय में ज्यादा पैदावार करने के लिए प्रमुख हैं।
बासमती 370
बासमती 370 धान: यह धान लम्बे समय की अवधि वाला है। इसके दाने पतले और लंबे होते हैं, और इनकी सुगंध खुशबूदार होती है। पकने के बाद, इस धान का साइज डबल हो जाता है। इस फसल को तैयार होने में करीब 150 दिन लगते हैं, और एक एकड़ में 12 क्विंटल की उपज होती है।
मकराम
मकराम धान: इस धान की किस्म का बीज मध्यम और लंबा होता है। यह बोनी किस्म मानी जाती है और इसमें रोग और रस-चूसने वाले कीड़ों का प्रकोप नहीं होता। इस धान में 160 से 170 दिनों का समय लगता है।
एन.डी.आर. 359
एन.डी.आर. 359 धान: यह धान की किस्म सबसे जल्दी पकने वाली है, और यह मात्र 130 दिनों में तैयार हो जाती है। यूपी, बिहार, और असम में इसकी ज्यादा पैदावार होती है।
पूसा सुघंध
पूसा सुघंध धान: तीन धान की एक सुगंधित बासमती चावल की हैं। इसमें 120 दिन लगते हैं, और यह देश के लगभग सभी राज्यों में उपलब्ध होती है।
जया धान
जया धान: जया धान की किस्म सफेद और लंबी होती है। यह धान की उपज को 130 दिनों में तैयार कर देती है। यह बीपीएच और जीएम ब्लास्ट रोग के प्रति सुरक्षित होती है।
इन धान की किस्मों के साथ, किसान अधिक प्रॉफिट कमा सकते हैं और बारिश से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
नोट: धान की विविधता अनुसंधान और स्थानीय शर्तों के आधार पर बदल सकती है, इसलिए किसानों को स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए।
धान की खेती के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, कृपया अपने स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।