यहां ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया है तो ही होंगे मुआवजे के लिए आवेदन

यहां ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया है तो ही होंगे मुआवजे के लिए आवेदन
X

परेशानी • बारिश और ओलावृष्टि के बाद किसानों पर तकनीकी मार

राजधानी हरियाणा प्रदेश में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं,उन्हें मुआवजे के लिए पहले 'मेरी फसल मेरा ब्योरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर फसल का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। ऐसा न करने पर किसान 'ई-फसल क्षतिपूर्ति' पोर्टल पर फसल के मुआवजे के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। इसलिए सरकार उन जिलों के गांवों के किसानों के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल फिर से खोल रही है, जिन्होंने फसल खराब होने की जानकारी दी है।

सीएम के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर ने बताया कि 11 जिलों के डीसी ने जिन गांवों में फसलें खराब होने की रिपोर्ट दी है, उन गांवों के किसान 'मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर आवेदन कर सकेंगे। जो किसान एमएफएमबी पर फसलों का पंजीकरण नहीं कराएंगे, वे फसल खराबे का मुआवजा नहीं ले पाएंगे। उन्होंने किसानों से अपील की है कि 'मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर फसलों का जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराए। बता दें कि बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों को लेकर 'ई-फसल क्षतिपूर्ति अब तक 4,838 गांवों के करीब 89 हजार किसान आवेदन कर चुके हैं। किसानों ने 4,95,257 एकड़ में फसल खराब होने की जानकारी दी है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि किसानों द्वारा दी गई जानकारी की वेरिफिकेशन कराई जाएगी। इसके बाद पता चलेगा कि कितनी फसल खराब हुई है।

4.95 लाख एकड़ खराब फसल का मुआवजा मांगा

11 जिलों के 4,838 गांवों में फसल खराब बताई गई

89 हजार किसान कर ! चुके मुआवजे को आवेदन

सीएम ने फसलों का हवाई सर्वेक्षण किया

सीएम मनोहर लाल ने शनिवार को बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों का हवाई सर्वेक्षण किया। सीएम ने नुकसान के आकलन के लिए सभी डीसी को 15 अप्रैल तक विशेष गिरदावरी करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को मई माह तक मुआवजा वितरित किया जा सके।

किसानों ने 36 लाख एकड़ में बताया गेहूं

प्रदेश में अब तक 8 लाख किसानों ने 55 लाख एकड़ रबी फसलों का पंजीकरण कराया है। इसमें से 36 लाख एकड़ गेहूं है। बाकी में सरसों व अन्य फसलें हैं। कृषि विभाग ने 15 से 20 मार्च तक पोर्टल को दोबारा खोला था, ताकि सभी किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करा सकें। अब 55 लाख एकड़ फसल का वैरिफिकेशन होगा। जो भी फसल मिसमैच होगी, उसकी जांच की जाएगी, ताकि पता लगाया जा सके कि जिन किसानों ने पंजीकरण कराया है, उसमें किस तरह की खामियां हैं।

मार्च में 8 साल में दूसरी बड़ी बारिश

24 घंटे में औसतन 7 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 2246% ज्यादा है। बेमौसमी बारिश से गेहूं, सरसों व अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मार्च में अब तक 32.5 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 143% ज्यादा है। इस अवधि में 13.4 मिमी. वारिश सामान्य मानी जाती है। मौसम विभाग के अनुसार, मार्च में 8 साल में दूसरी सबसे बड़ी बारिश हुई है। इससे पहले 2020 में 69.1 व 2015 में 71 मिमी. बारिश हुई थी। 23 साल में दो बार सामान्य से 400%, चार बार 100% से ज्यादा बारिश हुई। 6 बार नाममात्र बारिश हुई। इस बार मार्च में 15 जिलों में सामान्य से बहुत ज्यादा, चार जिलों में ज्यादा, तीन जिलों में सामान्य बारिश हुई है।

आगे 30 को फिर पश्चिमी विक्षोभ

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 5 दिन में दिन का पारा 3 से 5 डिग्री तक बढ़ सकता है। 30 मार्च को फिर से पश्चिमी विक्षोभ असर दिखा सकता है। इससे भी कहाँ-कहाँ बारिश हो सकती है।

Tags:
Next Story
Share it