सिरसा के किसान हुए 1 और 1 ग्यारह, हरियाणा किसान मंच के बैनर तले फसलों की भरपाई की भरी हुंकार

सिरसा के किसान हुए 1 और 1 ग्यारह, हरियाणा किसान मंच के बैनर तले फसलों की भरपाई की भरी हुंकार
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सिरसा के किसान हुए 1 और 1 ग्यारह, हरियाणा किसान मंच के बैनर तले फसलों की भरपाई की भरी हुंकार

पहले सिरसा के किसानों की सुध लेंगे, फिर राष्ट्रीय स्तर की बात करेंगे: बाबा गुरदीप सिंह

खेत खजाना: सिरसा, हमारे लिए पहले सिरसा सर्वोपरि है। सिरसा जिले के किसान काफी परेशान हंै। हमें पहले सिरसा के किसानों के मुद्दों को उठाकर उनका समाधान करवाना है, उसके बाद राष्ट्रीय स्तर की बात की जाएगी। उक्त बातें हरियाणा किसान मंच के प्रधान बाबा गुरदीप सिंह झिड़ी ने गांव कुरंगावाली के गुरुघर में पत्रकारों व किसानों से बातचीत करते हुए कही। इस मौके पर दर्जनों गांवों के किसान मौजूद थे। बाबा गुरदीप सिंह ने कहा कि हमारे लिए पहले सिरसा के किसान ज्यादा जरूरी है, क्योंकि किसी भी कार्य की शुरूआत शून्य से होती है और उसके बाद आगे का सफर तय किया जाता है।

उन्होंने हाल ही में हरियाणा किसान मंच का नाम बदलकर राष्ट्रीय किसान मंच किए जाने के मुद्दे पर कहा कि जिला स्तर व राष्ट्रीय स्तर में बहुत बड़ा फर्क है। हमें पहले अपने जिले के किसानों की सुध लेनी होगी, उसके बाद राष्ट्रीय स्तर की सोची जाएगी। जिले की समस्याओं को हम आगे लेकर जाएंगे, तभी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच पाएंगे। उन्होंने कहा कि वे हरियाणा किसान मंच के बैनर तले ही किसानों की आवाज को बुलंद करेंगे।

इस मौके पर कार्यकारिणी का भी गठन किया गया, जिसमें सिरसा की जिम्मेदारी सुरजीत सिंह बेगू को, कालांवाली प्रधान सुखप्रीत उर्फ रवि कुरंगावाली, सलाहकार नछतर सिंह झोरडऱोही, उपप्रधान गुरनाम सिंह, डबवाली प्रधान दर्शन सिंह, ब्लॉक प्रधान जसवीर सिंह भंगू, महासचिव मग्घर सिंह कुरंगावाली, मीडिया प्रभारी मनजिंद्र सिंह कुरंगावाली, सदस्य इकबाल सिंह को नियुक्त किया गया। इसके बाद सभी ने मिलकर कालांवाली हलके के गांवों कुरंगावाली, मत्तड़, झोरडऱोही, भादड़ा भीवां में बरसात व ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का जायजा लिया। निरीक्षण में पाया गया कि इन गांवों में 70 से 80 प्रतिशत गेहूं व सरसों की फसलें नष्ट हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मंच की प्राथमिकता रहेगी कि जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई है, उनकी जल्द से जल्द गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजा दिलवाया जाए, ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।

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