फसलों के लिए जीवनदायिनी वर्मी कम्पोष्ट खाद, गुड़िया खेड़ा का यह किसान दे रहा है ऑर्गेनिक खेती को बढावा

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फसलों के लिए जीवनदायिनी वर्मी कम्पोष्ट खाद, गुड़िया खेड़ा का यह किसान दे रहा है ऑर्गेनिक खेती को बढावा

खेत खजाना। सिरसा के गांव गुड़िया का किसान संदीप कुमार पुत्र महावीर गोदारा वर्मी कम्पोष्ट खाद तैयार कर किसानों को ऑर्गेनिक खेती करने के लिए बढावा दे रहा है, जो निरंतर कृषि विभाग के द्वारा दी गई सलाह को मानकर अपनी आय दोगुनी करने में सफल हो रहे है। संदीप गोदारा के द्वारा रबी व खरीफ की फसल में देसी तरीके से वर्मी कम्पोष्ट खाद का उपयोग करके खेती की जा रही है। साथ ही रासायनिक खाद के अंधाधुंध इस्तेमाल से लगातार घट रही भूमि की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट व जैविक खाद तैयार कर किसानों को प्रोत्साहित कर रहे है। वहीं दूसरी ओर सरकार किसानों को केंचुए की खाद बनाने के लिए अनुदान भी दे रही है। जिससे भूमि की उर्वर क्षमता को बढ़ाया जा सके।

घट रही भूमि की उत्पादन क्षमता

किसान संदीप गोदारा ने बताया कि किसानों को वर्मी कम्पोष्ट तैयार कर अपनी आय बढ़ाने के तरीके अपनाने चाहिए। लेकिन आज इस आधुनिक दौर में किसान पैदावार बढ़ाने एवं फसलों को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे आने वाली पीढ़ी के लिए घातक साबित हो सकते है। इनसे बचने के लिये संदीप गोदारा ने अपने खेत में दो करनाल के अंदर वर्मी कम्पोष्ट खाद तैयार कर किसानों को जागरूक कर रहा है।

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किसान संदीप गोदारा ने बताया कि उन्होने पिछले वर्ष से दो करनाल के अंदर कैंचुआ खाद के 14 बैड लगा रखें है। खाद बनाने से पहले उन्होने एक बैड में 50 क्विंटल गोबर खाद व 60 किलो प्रति बैड के हिसाब से केंचुआ डाला है। जो कि 90 दिन में खाद बनकर तैयार हो जाएगी और कैंचुआ भी खाद में डबल हो जाता है।

वर्मी कम्पोष्ट के फायदे

गोदारा ने बताया कि उनके द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग करने से उनकी आय बढ़ने के साथ.साथ पैदावार भी बढ़ी हैं। उन्होंने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने से किसान की फसल में लागत कम आएगी। दरअसल यह खाद पूरी तरह जैविक होगी। इसका फसलों में प्रयोग करने से किसान को महंगा खाद एवं कीटनाशक खरीदने से मुक्ति मिलेगी। वहीं किसान इस खाद को बेचकर भी अपनी आय बढ़ा सकता है। उन्होने बताया कि इस खाद में नाईट्रोजन, फास्फोरस, सल्फर, मैग्नीशियम, कैल्शियम सहित नो प्रकार के पोष्क तत्व होते है। जो कि फसल को जड़ से लेकर फल तक मजबूत बनाती है।

कपास की खेती में यह खाद कारगार साबित

किसान संदीप गोदारा ने बताया कि कपास की फसल में अधिक पैदावार लेने के लिए 5 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से डाल दी जाए तो अधिक मुनाफा होगा। उन्होने बताया कि कपास की बुवाई करने से पहले 3 क्विंटल का छिड़काव कर दिया जाए और 2 क्विंटल खाद दूसरे पानी के साथ दे दी जाए तो वह कपास 10 से 12 क्विंटल से कम नही होगी।

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वर्मी कम्पोष्ट फार्मिंग व ऑग्रेनिक खेती के बारे में अधिक जानकारी के लिए रजिस्ट्रड एसआरएस फर्म, सिरसा जमाल रोड़ गुडिया खेड़ा से संदीप गोदारा को संपर्क करें। जिनका मोबाइल 80592.93381, 8708458394 है।

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