कपास की उन्नत वेराइटी, इन किस्मों से होगा जबरदस्त उत्पादन

कपास की उन्नत वेराइटी, इन किस्मों से होगा जबरदस्त उत्पादन
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कपास की उन्नत वेराइटी, इन किस्मों से होगा जबरदस्त उत्पादन

खेत खजाना। रबी फसलों की कटाई कई क्षेत्रों में लगभग हो गई है। कुछ किसानों की फसलों की कटाई बढाई होने वाली है। फिलहाल कपास की बुआई का समय आ गया है। किसानों के लिए कपास की फसल की अधिक पैदावार लेने के लिए उन्नत बेराइटी व टाॅप किस्म का चयन करना बहुत जरूरी है। कई बार जानकारी न होने की वजह से किसान नकली बीज का चयन कर लेते है। जिससे उनको 6 माह की फसल का खामयाजा भुगतना पड़ता है। आज हम आपको लेख के माध्यम से कपास की उन्नत वेराइटी के बारे में जानकारी देगें।

जैसा कि आप सभी किसान भाई जानते ही है कि अगर खेत की मिट्टी की सही जांच नही होगी तो हम फसल में अधिक पैदावार नही ले सकते। इसलिए किसान सबसे पहले अपने खेत की मिट्टी का जांच करवांए ताकि किसानों को अधिक लाभ मिल सकें। तो आइये जानते उन टाॅप वैराइटी के बारें में।

1 श्री राम 6588. यह किस्म संकर किस्म की हैं। किसानों सबसे ज्यादा सुंडी का रोग या फिर पत्तियों के सुकड़ने का रोग से परेशान होना पड़ता है। लेकिन इस किस्म में सभी प्रकार कि सुंडी रोग व पत्तियों के सुकड़ने के राग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है। इस किस्म के पौधे की उंचाई लगभग 176 सेंटी मीटर तक होती हैं। इस किस्म में सबसे बड़ी बात यह है कि प्रति हेक्टेयर के हिसाब से इसकी उत्पादन क्षमता 28 क्विंटल तक होती है।

रासी 773 किस्म – जो किसान कपास की अगेती बुआई करते है उनके लिए ये किस्म काफी अच्छी है। अगेती बुआई के लिए इस किस्म को सर्वोत्तम माना जाता है। ये किस्म काली जलोढ़ मिटटी में काफी अच्छी पैदावार देती है

रासी 776 किस्म – जिन क्षेत्रों में पानी की मात्रा कम होती है उन क्षेत्रों के लिए ये किस्म सर्वोत्तम होती है ये किस्म लगभग 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी बुआई का समय अप्रैल से जून का महीना होता है।

बलराज – ये किस्म उन क्षेत्रों के लिए होती है जहा पर मिटटी हलकी और सामान्य होती है। ऐसी मिटटी में ये किस्म अच्छी पैदावार देती है। और ये कपास की किस्म तुड़ाई के समय तक हरी रहती है।

रासी 650 किस्म – ये किस्म मुख्य रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और गुजरात राज्य में काफी अधिक बोई जाती है। इसमें कम पानी की जरुरत होती है और प्रति एकड़ इसका उत्पादन 12 किवंटल तक जाता है।

US 51 किस्म – इस कपास की किस्म को कपास के बुआई समय से पहले भी और बाद में भी बोया जा सकता है। ये दोनों ही समय के लिए उपयुक्त है। इसमें सुंडी रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है।

ऊपर दी गई किस्मो के अतरिक्त और भी किस्में है जो अच्छी पैदावार दे रही है इसमें KCH 999 , H 1117 , 1236 , 1226 , अजित 199 BG , रासी जेट , US 51 , अंकुर 3228 , बीटी 2 आदि

कपास की अगेती बुआई का समय

कपास की अगेती बुआई के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह का समय ठीक रहता है। इसमें खेत में अच्छे से जुताई करके इसमें कीटनाशक की स्प्रे करके कपास को बोया जा सकता है। और समय पर सिंचाई का ध्यान रखना जरुरी है

कपास बुआई का सही समय

https://todayharyana.com/agriculture-news/बेमौसमी-बारिश-के-बाद-चौपट.html

कपास की बुआई के लिए अप्रैल के अंतिम दिनों से 20 मई के आसपास तक का समय उत्तम होता है।

कपास की पछेती बुआई का समय

जिन किसानो को कपास की पछेती बुआई करनी है उनको 20 जून से पहले कपास की बुआई का कार्य पूर्ण कर लेना चाहिए

https://todayharyana.com/agriculture-news/cotton-seeds.html

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