MSP Wheat New Update: अब गेंहू 3200 रू प्रति क्विंटल बिकने की संभावना, 30 लाख टन गेहूं रियायती दर पर बेचेगी सरकार
खेत खजाना। एक तरफ जहां बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि के होने के कारण किसानों को मुश्किलों मंे डाल दिया है। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व राजस्थान में हुई अधिक ओलावृष्टि के किसानों की गेंहू की फसल बिल्कुल नष्ट हो गई। किसान निराश होकर सिर्फ सरकार से उचित मुआवजा देने की मांग कर रहें है। वहीं दूसरी तरफ गेहूं के बढ़ते दामों को देखकर किसानों की परेशानी कुछ हद तक कम हो सकती है। फिलहाल अंदेशा यह कि इस बार गेंहू 3500 रू प्रति क्विंटल तक बिक सकती है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार 30 लाख टन गेहूं रियायती दर पर ओपन मार्केट में बेचने जा रही है।
मध्यप्रदेश में सरकारी मुल्य पर गेहूं की खरीदी आरंभ हो गई है जबकि देश की कई अन्य राज्यों में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 1 अप्रैल से शुरू हो जाएगी। इसी बीच खाद्य मंत्रालय द्वारा दी जानकारी के मुताबिक़ इस बार 341.5 लाख टन गेहूं की खरीद का आरंभिक लक्ष्य तय किया है जिसे आसानी से हासिल का भरोसा जताया है। और सरकार इस बार 34 लाख टन गेहूं खरीदेगी और गैंहू को किसानों से 3000 रूपये प्रति क्विंटल खरीदने का फैसला लिया है।
विशेषज्ञो ने गैंहू की सरकारी खरीद पर सरकार को सुझाव दिया कि सरकार को अपनी गेहूं खरीद (wheat procurement) की रणनीति में कुछ सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि पहले मध्यप्रदेश में (27 मार्च को) केवल 10,727 टन की खरीद संभव हो सकी जबकि वहां 5.60 लाख टन गेहूं की आवक हुई थी ।इसी बीच जानकारी के मुताबिक किसान मंडीयो में गैंहू बेचने को प्राथमिकता दें रहे हैं।
हालांकि एफसीआई के चेयरमैन का कहना है कि जब तक सरकार घरेलू आपूर्ति के लिए पर्याप्त खरीद से संतुष्ट नहीं हो जाएगी तब तक गैंहू के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को नहीं हटाया जाएगा । लेकिन बरसात से गैंहू की फसल प्रभावित तो हुई है लेकिन फिर भी केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा लगाए गये अनुमान 1121.80 लाख टन के नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। हालांकि इस बार पिछले वर्ष की तुलना में गैंहू की खरीदी 54% तक कम रही इसके परिणाम स्वरूप केंद्रीय पूल में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का स्टॉक घटकर काफी नीचे आ गया है।
पिछले साल भी गैंहू के भाव आसमान छू लेगे थे जिसका सबसे ऊंचा भाव 3200 रू प्रति क्विंटल तक देखने को मिला था जिससे कि सरकार इस बार गेहूं की विशाल मात्रा की खरीद करना अत्यंत महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है।हाल ही में गैंहू के भाव में गिरावट आई है लेकिन सरकार और खाद्य निगम को भरोसा है कि अप्रैल-मई में जब नये माल की जोरदार आवक सभी उत्पादक राज्यों में होगी तब उसे इसकी खरीद बढ़ाने में सफलता मिलेगी।