IOT: खेतों में आते है आवारा पशु तो अपनाए यह डिवाइस, अपने आप बजेगा हूटर

IOT: खेतों में आते है आवारा पशु तो अपनाए यह डिवाइस, अपने आप बजेगा हूटर
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IOT: खेतों में आते है आवारा पशु तो अपनाए यह डिवाइस, अपने आप बजेगा हूटर

खेत खजाना। किसान जदोजहद कर अपनी फसल को पकाने की कोशिस करता है। फसल में खाद-बीज, स्प्रे, पानी सहित अन्य प्रयोगो का इस्तेमाल करता है। उसे फसल को देखकर यह उम्मीद रहती है कि इस बार फसल अच्छी होगी। लेकिन आवारा पशुओं पर कोई लगाम न होने की वजह से उसे बड़ा जोखिम उठाना पड़ता है। ऐसे में किसान अपनी फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए कब तक रखवाली करेगा। किसान अपनी फसल को बचाने के लिए रात दिन पहरा लगाकर महनत करता है। लेकिन फिर भी आवारा पशु अधिक होने की वजह से उसकी फसल भेंट चढ ही जाती है।IOT

ऐसे में किसानों को चींता करने की जरूरत नही हैं। आपको यह जानकर खुशी होगी कि अब आवारा पशुओं से छुटकारा पाने के लिए एक नई डिवाइस का आविस्कार किया है। इस डिवाइस की वजह से खेतों में आवारा पशु के आते ही बजेगा हूटरए किसानों के मोबाइल पर आएगा मैसेज! ऐसे होगी फसलों की रखवाली

अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें कि गोरखपुर के बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन कोर्स के छात्रों ने अवारा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए क्रॉप रक्षक नाम से यंत्र बनाया है। इस यंत्र में लगे डिटेक्टर के तहत खेत में पशुओं के घुसते ही हूटर बजने लगेगा। इसके अलावा खेत के मालिक के पास अलर्ट होने का मैसेज चला जाएगा।

यहां तक सबसे ज्यादा किसान उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं के आतंक से है। गेहूं कटाई का मौसम चल रहा हैए इस वक्त भी किसान अपनी तैयार उपज को इन जानवरों से बचाने के लिए खेतों पर पहरा देने को मजबूर हैं। ऐसे में गोरखपुर के बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन कोर्स के छात्रों ने फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए एक नायाब तरीका निकाला है। छात्र हर्ष कुमार मिश्राए शिवम कुमार चौरसियाए आदित्य कसौधन और अनिल कुमार चौधरी ने ष्इंटरनेट ऑफथिंग्सष् पर आधारित एक अनोखे यंत्र को तैयार किया है।IOT

कैसे करेगा यह डिवाइस काम

मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि इस प्व्ज् क्रॉप रक्षक में वाईफाई मॉड्यूल लगा हुआ है। यह इंटरनेट से 24 घंटे कनेक्ट रहेगी। इसमें एक सिम लगाया गया है जो हॉटस्पॉट क्रिएट करेगी और इस प्रोटोटाइप में लगे सभी डिवाइसेज को आपस में जुड़े रखेगी। साथ ही इस प्रोजेक्ट में ऊपर की तरफ एक सोलर पैनल लगाया गया है जो इस यंत्र को पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध कराएगी। इस यंत्र में एक वाइड रेंज का कैमरा लगाया गया है जिसमें नाइट विजन भी है। लिहाजा जब कोई भी पशु इस कैमरे की रेंज में आएगा।

इस यंत्र में लगे डिटेक्टर के तहत उसको डिटेक्ट करते ही हूटर अपने आप बजना शुरू कर देगाण् इसके अलावा यह डिवाइस अगले ही पल उस खेत के संबंधित किसान के मोबाइल में एक एसएमएस अलर्ट भेजेगा. जिससे उस किसान को यह सूचना मिल जाएगी कि उसके खेत में कोई अनावश्यक तत्व या छुट्टा पशु प्रवेश कर चुका है. इस डिवाइस के क्षमता लगभग पांच सौ मीटर हैण् इस यंत्र को मौसम फ्रेंडली बनाया गया है जो बरसात के साथ.साथ अन्य सभी प्राकृतिक विषमताओं से निपटने में सक्षम है.

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इस डिवाइस को ऑटोमैटिक करने के लिए किया गया है कोडिंग

प्रोजेक्ट से जुड़े छात्र शिव कुमार चौरसिया ने बताया कि इस यंत्र को 2 महीने तक एक गांव में रखकर बकायदा टेस्ट किया गया हैण् इसके बाद ही हमने इसको लांच किया हैण् डिवाइस में हमने ऐसा प्रोग्रामिंग किया है. जिससे यह किसानों तक सूचना अलर्ट को पहुंचा सकता है. साथ ही इस यंत्र में सॉइल मॉइस्चर सेंसर भी लगाया गया है जिससे खेत की नमी को मापा जा सकता है. इसमें लगे मोटर की सहायता से आप अपने खेत की सिंचाई भी कर सकेंगेण्

इतनी लागत आई है इस यंत्र के प्रोटोटाइप को बनाने में

इस प्रोजेक्ट से जुड़े छात्र आदित्य कसौधन ने बताया कि इस यंत्र के प्रोटोटाइप को बनाने में लगभग ₹50000 का खर्च आया है. इस यंत्र में लगे सारे उपकरण बहुत ही अत्याधुनिक और हाईटेक हैं. खर्च थोड़ा ज्यादा है लेकिन इसके परिणाम बहुत ही कारगर साबित हो रहे हैं. ऐसा करने से किसान बहुत हद तक अपने खेतों को छुट्टा पशुओं से बचा सकेंगे।IOT

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