खतों में आए ही नही अधिकारी, कागजों में हो गया सर्वे, कैसे मिलेगा मुआवजा-किसान

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खतों में आए ही नही अधिकारी, कागजों में हो गया सर्वे, कैसे मिलेगा मुआवजा-किसान

खेत खजाना, औरैया। बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि के कारण हुई किसानों की फसल बर्बाद से सभी वाखिफ है। ऐसे में राज्य सरकारों ने अपने अपने प्रदेश में किसानों को उचित मुआवजा देने का भी ऐलान किया हुआ है। साथ ही सीएम ने अधिकारियों को जल्द से जल्द फसलों की किरदावरी करने के भी कड़े निर्देया दिए हुए है। लेकिन कुछ जगह कर्मचारी खेतों में न जाकर अपने कार्यालय में ही बैठ कर फसलों का सर्वे कर रहें है। फसलों का जायजा लिए बिना सर्वे का होना ऐसे में किसानों को क्या राहत मिल पाएगी? क्या किसानों को उचित मुआवजा मिल पाएगा? किस पहले से बेमौसमी बारिश की वजह से परेशान है लेकिन इन कर्मचारियों ने भी किसानों को परेशान करना शुरू कर दिया है। आइए जानते है क्या है पुरा मामला।

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बारिश व ओले से फसल नुकसान का मुआवजा देने को सरकार ने ऐलान किया था। लेकिन सर्वे कार्यालय में बैठकर कागजों में ही हो गया। सर्वे रिपोर्ट की माने तो जिले में विगत दिनों हुई बारिश से करीब आठ हजार हेक्टेयर गेहूं की फसल खराब हुई है, जिससे नुकसान का प्रतिशत बस सात फीसद है। यह अभी विभाग की ओर से सर्वे कराया गया है। शासन की टीम के सर्वे के बाद सही नुकसान का आकलन होगा।

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जिले में इस वर्ष गेहूं की खेती करीब 1 लाख 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में हुई है। विगत दिनों आंधी के साथ बारिश से फसल को काफी नुकसान हुआ है। गेहूं की बालियां खेतों में गिर गई हैं। विभाग के अनुसार किसी क्षेत्र में अधिक नुकसान हुआ है, तो कहीं नुकसान कम है। किसानों का कहना है जब फसल पककर तैयार हुई है। तभी मौसम अपना कहर बरपा रहा है। खेतों में गेहूं की फसल धराशाई हो गई है। पानी के चलते कई क्षेत्रों में कटाई व मड़ाई का काम फिलहाल रुक गया है। किसान खेत में नमी खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।

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गेहूं की फसल के अलावा सरसों, चना सहित कई फसलों को नुकसान हुआ है। जिला कृषि अधिकारी शैलेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कि जिले के कुछ क्षेत्रों में तेज पानी के चलते गेहूं खेतों में गिर गया है। विभाग की ओर से सर्वे में करीब 5 से 7 फीसदी नुकसान का अनुमान है। जिसके चलते जिले भर में करीब 7 से 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की उपज को नुकसान हुआ है। शासन की ओर से टीम द्वारा नुकसान का सही आकलन कराया जा रहा है।

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किसानों का कहना है कि फसल में नुकसान के बारे में सभी को पता है, लेकिन असलियत को माना नहीं जा रहा है। सर्वे के लिए कृषि विभाग के कर्मचारी नहीं आए हैं। सर्वे के नाम पर कर्मचारी एक-दो जगह जाकर खानापूर्ति कर रहे हैं। ब्लॉक भाग्यनगर में ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान हुआ है।

विभागीय अधिकारी सर्वे कराए जाने की बात कर रहे हैं। इसके अलावा औरैया, अजीतमल, अछल्दा, एरवाकटरा, बिधूना व सहार ब्लॉक में तेज हवा और बारिश से गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई।

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