मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाए, इस तरीके से होगा कपास की खेती में डबल मुनाफा

मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाए, इस तरीके से होगा कपास की खेती में डबल मुनाफा
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खेत खजाना। किसान का सबसे पहला काम है मिट्टी को उपजाऊ बनाना, अगर खेती करने के लिए मिट्टी उपजाऊ नही है तो वहां खेती करने का कोई फायदा नही है। अधिकतर किसानों का यहीं मामना है कि खेती करने के लिए सबसे पहले खेत का रास्ता और सिंचाई के लिए पानी कि आवश्यकता होती है। केवल पानी देना ही आवश्यक नही होता है। इसके लिए उपजाऊ मिट्टी का भी होना बहुत जरूरी है।

आज के इस लेख में हम समझेंगें की मिट्टी में उपजाऊपन क्या है, केंचुआ मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाता है। फसल के अनुसार मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कैसे बढाए, गार्डेन के लिए उपयुक्त मिट्टी कैसे बनाए इन तमाम विषयों पर चर्चा करेंगे।

उपजाऊ मिट्टी में एक जीवित जीव की तरह होता है। जिसे अपनी उत्पादकता बढाने के लिए पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। जो कि कार्बनिक पदार्थो से इस प्रकार के पोषण तत्व प्राप्त किया जा सकता है। एक स्वस्थ पौधे के लिए उपजाऊ मिट्टी बेहद जरूरी है जिसकी फर्टिलिटी को बढाने के लिए आपको इसमें नियमित रूप से पोषण देने की आवश्यकता होती है।

नाइट्रोजन की पर्याप्त मात्रा देकर बनाये मिट्टी को उपजाऊ

गमले की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए खाद का अहम रोल होता है। खाद में अगर नाइट्रोजन की मात्र ज्यादा होगी तो यह आपके गमले की मिट्टी के लिए बहुत अच्छा होगा। क्योंकि नाइट्रोजन मिट्टी के लिए बहुत ही आवश्यक पोषक तत्व होता है। मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए आपको नाइट्रोजन युक्त खाद को मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाना होगा। अगर आप सिर्फ खाद को मिट्टी के ऊपर.ऊपर से डाल देते हैं तो यह गमलों की मिट्टी को उपजाऊ बनाने में उतनी असरदार साबित नहीं होगी।

मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए निम्न प्रकार की खाद को इस्तेमाल किया जा सकता हैं जैसे 

वर्मीकम्पोस्ट

मस्टर्ड केक

नीम केक

देसी गाय के गोबर से बना सकते हैं मिट्टी को उपजाऊ

अगर आप अपने घर के गमलों में हरे भरे पौधे देखना चाहते हैं तो आप इसकी मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए गाय के गोबर में गुड़ मिलकर खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं। आपको बता दें कि एक देसी गाय के गोबर में 300 करोड़ से भी ज्यादा सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं। ज्यादा सूक्ष्म जीवाणु की मात्रा होने से गमलों की मिट्टी उपजाऊ होगी और आपके घर के पौधों को अच्छी तरह से भोजन भी प्राप्त होगा। इसके अलावा गोबर में नाइट्रोजन प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैए जो गमले में लगाए गए पौधों के विकास में फायदेमंद साबित होता है।

नोटरू पौधों पर खाद के रूप में ताजे गाय के गोबर का इस्तेमाल न करेंए गोबर को अच्छी तरह से सड़ने या किण्वित होने के बाद ही उपयोग में लाये।

सही मात्रा में पानी देकर गमले की मिट्टी को बनाएं उपजाऊ

किसी भी पौधे को स्वस्थ बनाने के लिए सही मात्रा में पानी देना बेहद जरूरी होता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी देना आपके गमले की मिट्टी और पौधे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए पौधे को स्वस्थ रखने के लिए आप पानी तभी डालें जब आपको गमले की ऊपरी परत एक दम सूखी दिखाई दे। इसके अलावा पानी को फुहार के रूप में डालने के लिए वाटरिंग कैन का उपयोग करें।

रेत या बालू मिलाकर बनायें गमले की मिट्टी को उपजाऊ

अगर आपके गमले या ग्रो बैग की मिट्टी ज्यादा सख्त या चिकनी है तो मिट्टी को उपजाऊ और नरम बनाने के लिए आप इसमें रेत या बालू का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको बता दें कि गमले के लिए थोड़ी रेतीली मिट्टी बहुत अच्छी होती है। इसका मतलब यह नहीं कि आप बहुत ज्यादा मात्रा में मिट्टी में रेत मिला दें। गमले या ग्रो बैग के लिए आपको मिट्टी और रेत को 7रू1 के अनुपात में अच्छे से मिला लेना चाहिए। इससे आपके गमले की मिट्टी नरम और उपजाऊ हो जाएगी।

मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता

मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढाने के लिए कैल्शियम बेहद आवश्यक होता है। मिट्टी में कैल्शियम के लिए आप स्टोन पाउडर ;ेजवदम चवूकमतद्ध का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्टोन पाउडर को आप स्टोन का काम करने वालों से प्राप्त कर सकते हैं या किसी बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन साईट से भी लेकर आ सकते हैं। मिट्टी में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप अंडे के छिलकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। गमलों की मिट्टी में पत्थरों का चूरा या स्टोन डस्ट आप 4.5 साल में एक बार मिला सकते हैं।

बरगदए केले और पीपल के पत्ते से बनी खाद का करें इस्तेमाल

अगर आप अपने गमले की मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ाना चाहते हैं तो आप इसके लिए बरगदए केले और पीपल के पत्तों से बनी खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको बता दें कि पत्तों से बनी इस खाद में काफी ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व होते हैंए जो पौधे को हरा भरा बनाने में काफी मदद करते हैं। पत्तों से बनी खाद में गोबर खाद की अपेक्षा काफी ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व होते हैंए जो आपके गमलों की मिट्टी को उपजाऊ बनाएगा। लेकिन याद रखें कि जो भी पत्ते आप गमलों की मिट्टी में मिलाएं वे किसी भी तरह के रोग से मुक्त या कवक रहित होना चाहिएए नहीं तो यह आपके गमलों की मिट्टी को ख़राब कर सकते हैं।

नीम की खली से बनाये गमले की मिट्टी को उपजाऊ

नीम की खली आपके गमले या ग्रो बैग की मिट्टी को उपजाऊ तो बनाती है लेकिन इसके साथ ही यह पौधे में लगने वाली फंगस से भी बचाती है। यह नीम की निबोली होती है जिसे पीसकर नीम की खली बनाई जाती है। नीम खली या नीम केक पौधे में कीड़े लगने से भी रोकती है। नीम खली का उपयोग आप गमलों में 6.7 महीनों में एक बार कर सकते हैं।

पोषक तत्वों की उचित मात्र से बनाये पौधे की मिट्टी को उपजाऊ

किसी भी मिट्टी में पौधा लगाने से पहले उसमें उपस्थित पोषक तत्वों की जांच करना बेहद आवश्यक होता है। मिट्टी में नाइट्रोजनए फास्फोरस एवं पोटेशियमए आयरनए जिंकए कॉपर की उचित मात्रा होना आवश्यक हैए इससे मिट्टी उपजाऊ होती है। इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए आप मिट्टी में गोबर की खादए कंपोस्ट खाद या हरी खाद इस्तेमाल कर सकते हैं।

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