किसान गेहूं कटाई के बाद इन फसलों की करें खेती, कम समय में मिलेगा डबल फायदा।

किसान गेहूं कटाई के बाद इन फसलों की करें खेती, कम समय में मिलेगा डबल फायदा।
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किसान गेहूं कटाई के बाद इन फसलों की करें खेती, कम समय में मिलेगा डबल फायदा।

 खेत खजाना, फिलहाल रबी की फसलें अंतिम पड़ाव में चल रही है। किसानों ने सरसों की कढ़ाई बढ़ाई कर कपास की फसल के लिए अपने खेतों को तैयार कर दिया है। लेकिन कुछ हिस्सो में गेंहू की कटाई चल रही है। ऐसे में अभी से अक्सर किसानों के मन में सवाल रहता है कि गेहूं की कटाई के बाद किन फसलों की खेती करें? वहीं किसान ये भी सोचते हैं कि कम खर्च और कम अवधि वाली फसलों को ही लगाया जाए. आइए जानते हैं इस दौरान कौन सी फसलों की खेती करने से हैं किसानों को बेहतर मुनाफा हो सकता है और कितने दिनों में हो जाती है खेती.

हम सभी जानते हैं कि देश में खेती करने के तीन सीजन होते हैं, जिसमें रबी, खरीफ और जायद शामिल हैं. रबी और खरीफ के बारे में तो खूब चर्चा होती है. लेकिन,जायद सीजन के बारे में देश के अधिकांश लोग कम ही जानते हैं. जायद सीजन लगभग गेहूं की कटाई के बाद की जाने वाली खेती होती है. लेक‍िन अक्सर किसानों के मन में सवाल रहता है कि गेहूं की कटाई के बाद किन फसलों की खेती करें? वहीं किसान ये भी सोचते हैं कि कम खर्च और कम अवधि वाली फसलों को ही लगाया जाए. गेहूं के कटने के बाद जो किसान खेतों को खाली छोड़ देते हैं, वह किसान खाली पड़ी खेतों में कौन सी फसल उगा सकते हैं, जो

इन फसलों की खेती करें क‍िसान

आपको बता दें कि तीसरी सीजन यानी जायद सीजन में आमतौर पर गर्मी में खाई जाने वाली सब्जियों और फलों की खेती की जाती है. ऐसे में क‍िसान गेहूं की कटाई के बाद तीसरी फसल के रूप में मूंग, टमाटर, उड़द, बैंगन, और तरबूज की खेती कर सकते हैं. क्यों इन मौसमी फसलों को उगाने में 60 से 65 दिनों का ही वक्त लगता है और ये सारे फसल नकदी होते हैं.

मूंग की खेती

किसान गेहूं कटने के बाद तीसरे सीजन में मूंग की बुवाई कर सकते हैं. यह 60 से 65 दिनों में तैयार हो जाती है. साथ ही इसकी बुवाई कर के किसान अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. मूंग की बाजारों में भी काफी मांग रहती है. वहीं डेढ़ से दो क्विंटल प्रति बीघा के हिसाब से इसकी पैदावार होती है,

टमाटर और बैंगन की खेती

टमाटर कम समय लगने वाली नकदी फसलों में शामिल है. जो कि कम लागत में अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है. इसके तैयार होने में मात्र 50 से 60 दिन लगता है. वहीं बैगन की खेती तीन समय किया जाता है. एक जनवरी-फरवरी में दूसरी जुलाई अगस्त में और तीसरी जो वर्षा कालीन फसल है, इसकी खेती किसान अप्रैल के महीने में की जाती है. बैंगन भी बहुत जल्दी तैयार होने वाली फसल है.

उड़द और तरबूज की खेती

उड़द की खेती भी किसान गेहूं कटने के बाद कर सकता है. इसके तैयार होने का समय 60 से 65 दिन है और कम लागत में किसानों को अधिक मुनाफा भी मिलता है. साथ ही प्रति बीघा में एक से डेढ़ क्विंटल होती है. वहीं तरबूज की खेती कर भी नकदी फसलों में आती है. इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमाते है. साथ ही गर्मी के दिनों में लोगों में इस फल की डिमांड काफी अधिक बढ़ जाती है. किसान कम लागत में इसकी खेती कर सकते हैं.

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