एप्पल बेर की खेती कैसे करें

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 एप्पल बेर की खेती कैसे करें
 भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां पर किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए आधुनिक खेती कर रहे हैं। बेर की खेती भारत के हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में व्यापारिक तौर पर की जाती है। गरीबों का फल कहे जाने वाले इस फल की बाजार में मांग भी अधिक रहती है। बेर हर तरह की भूमि और जलवायु को सहन कर सकता है इस कारण ही इसे बरानी का बादशाह कहा जाता है।
एप्पल बेर की खेती
 एप्पल बेर एक मौसमी फल है यह थाईलैंड में बेर की प्रमुख किस्म है भारत की जलवायु इस किस्म के लिए काफी परफेक्ट मानी जाती है इस पेड़ से प्रतिवर्ष 40 से 50 किलो बेर का उत्पादन होता है
 कैसे करें खेती
 इसकी खेती के लिए हर तरह की जलवायु अनुकूल होती है इसलिए इसे भारत के किसी भी राज्य में बो कर अधिक उत्पादन लिया जा सकता है बेर के इन पौधों को कम पानी वाली जगह पर लगाना सही रहता है। बेर का कोई बीज नहीं होता इसलिए इसे ग्राफ्टिंग विधि से लगाया जाता है, ग्राफ्टिंग विधि से तैयार यह पौधे हाइब्रिड किस्म के होते हैं इनकी जड़े तो देसी होती है लेकिन तना हाइब्रिड होता है।
 बागवानी की शुरुआत के समय इसमें थोड़ी अधिक लागत आती है। लेकिन पेड़ के बड़ा होने के साथ-साथ लागत भी कम हो जाती है। थाई एप्पल के पेड़ को लगाने के पहले साल में ही यह उत्पादन देना शुरू कर देता है। और एक बार में ही 30 से 35 किलो बेर का उत्पादन देता है। और करीब 20 साल तक पेड़ पर फल देता है।
 बेर की खासियत
 जितने गुण सेब के फल में होती है उतने ही औषधीय गुण इस एप्पल बेर में मौजूद है.
सामान्य बेर की तुलना में 2 से 3 गुणा कीमत मिलता है किसानों को भी अच्छी कीमत मिल जाती है.
देसी बेरो की तुलना में एप्पल बेर का उत्पादन दो-तीन गुणा ज्यादा होता है.
सरकार किसानों को हाइब्रिड बेरो के पौधों पर 50% सब्सिडी भी प्रदान करती है जो 3 सालों में किस्तों से आते ह
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