किसान फसलों को शराब क्यों पिलाते है? फसलों को शराब से फायदा या नुकसान...

किसान फसलों को शराब क्यों पिलाते है? फसलों को शराब से फायदा या नुकसान...
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किसान फसलों को शराब क्यों पिलाते है? फसलों को शराब से फायदा या नुकसान...

आज के दौर में देखा जाए तो किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहता हैं। फसलों में अधिक पैदावार लेने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयोगों का इस्तेमाल करता है। बीज,खाद, पानी, स्प्रे व कृषि यंत्रों का बहतर प्रयोग कर अधिक पैदावार लेने का इस्तेमाल करता है। लेकिन कुछ किसानों का मानना है कि फसलों में किटनाशक स्प्रे की बजाए देशी शराब कर छिड़काव करने से अधिक पैदावार होती है। आज के इस लेख में जानते है क्या फसलों को शराब पिलाने से लाभ होता है या नुकसान? तो आइये जानते है।

खेत खजाना। किसानों का दावे के साथ मानना है कि फसलों को देशी शराब पिलाने से अधिक पैदावार होती है। इतना ही किसानों का कहना है कि पैदावार भी बेहतर होती है और कोई साइड इफेक्ट भी नही होता है। किसानों का मानना है कि फसलें भी मनुष्य की तरह नशा करती हैं। नशे का असर भी ऐसा कि फसलों में पैदावार डेढ़ गुणा तक बढ़ जाती है। यह दावे फसलों को दारू पिलाने वाले किसान कर रहे हैं। मामला रौचक है। भारत में बहुत से ऐसे किसान है जो दलहनी फसलों में देशी शराब का छिडक़ाव करते हैं। किसानों का कहना है कि देशी शराब का नशा फसलों को खोखला करने के बजाए पैदावार बढ़ाता है।

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किसानों का कहना कि दारू से फसलों में फाल ज्यादा आता है। शराब की स्प्रे का साइड इफेक्ट नहीं होने की बात भी कह रहे हैं। हालांकि इससे पहले सब्जियों में गंदा पानी उपयोग करने की खबरें तो अक्सर आती रहीं हैंए मगर शराब के नशे में पनपने वाली खेती हमारे और जमीन की सेहत पर कितना प्रभाव डालेगी। इस बारे में सरकार को सोचने की जरूरत है। क्योंकि क्षेत्र ही नहीं प्रदेशभर में किसान धीरे.धीरे इस जुगाड़ी तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं। सरकार को चाहिए कि किसानों के इस दावे की सच्चाई की सामने लाया जाए। बहरहालए फसलों को दारू पिलाने का मामला रौचक जरूर है।

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स्प्रे का तरीका भी आसान

दलहन फसलों में शराब की स्प्रे करने का तरीका भी काफी आसान है। किसानों का कहना कि देशी शराब को स्प्रे के लिए टंकी में पानी में मिलाया जाता है। जिसको फसलों में छिडक़ दिया जाता है। शराब का शरीर पर भी ज्यादा असर नहीं होने की बात कही जा रही है। किसानों का कहना कि बाजार में मिलने वाली कीटनाशक दवा के छिडक़ाव से शरीर पर भी असर होता है। कीटनाशक की दुर्गंध से किसान बीमार तक हो जाते हैं।

इतना ही नही किसान दलहन की फसलों में जमकर शराब का छिडक़ाव कर रहे हैं। जिसकी वजह कम खर्च भी माना जा रहा है। किसानों का कहना है कि एक बीघा जमीन में देशी शराब की स्प्रे करने पर करीब 30.35 रुपए का खर्च आता है। किसानों का दावा है कि देशी के बजाए रम का छिडक़ाव करने से भी पैदावार बढ़ती है। कुछ किसान तो हथकड़ दारू को भी कारगर मान रहे हैं। हालांकि फसल में स्प्रे करने का खर्च अलग है।

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शराब की स्प्रे से बढ़वार पर अभी तक अनुसंधान नहीं हुआ। ऐसे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। हांए स्प्रे कोई भी होए कुछ तो असर पड़ता ही है। किसानों की डेढ़ गुणी पैदावार होने वाली बात सही नहीं लग रही। इस पर कृषि वैज्ञानिकों को रिसर्च करना चाहिए।

प्रगतिशील किसान

शराब की स्प्रे से होने वाले असर पर अभी तक कोई रिसर्च नहीं हुई। हां एल्कोहल से हार्मोंस बढऩे की संभावना होती है। जिससे पैदावार बढ़ भी सकती है। जांच के आधार पर ही कुछ कहा जा सकता है

डॉ आत्माराम गोदारा, सहायक निदेशक, कृषि विभाग

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