अधिक पैदावार के लिए खेतों में देसी शराब छिड़क रहे किसान, नही है कोई विपरीत असर

अधिक पैदावार के लिए खेतों में देसी शराब छिड़क रहे किसान, नही है कोई विपरीत असर
X

अधिक पैदावार के लिए खेतों में देसी शराब छिड़क रहे किसान, नही है कोई विपरीत असर

खेत खजाना। इंसान के लिए शराब सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैए लेकिन किसान अपनी फसल की अधिक पैदावार लेने के लिए किटनाशक स्प्रे की जगह देशी शराब का छिड़काव कर रहें है। किसानों का मानना है कि शराब के छिड़काव से किट, मक्खि व मच्छरों के प्रभाव से फसलों को बचाया जा सकता है। लेकिन कृषि वैज्ञानिक फसलों में शराब का छिड़काव करना केवल पैसों को व्यर्थ करना बताया है। उनका मानना है कि शराब के छिड़काव से फसलों पर कोई असर नही पड़ता है।

गौरतलब है कि मथुरा में आलू की बंपर पैदावार होती है और इस बार भी किसानों ने करीब हजारों एकड़ में आलू की फसल बो रखी थी। मौसम में बदलाव और तापमान में गिरावट के बाद फसल को पाले और कीट से बचाने के लिए किसानों ने किटनाशक दवा की बजाए देशी दारू का छिड़काव किया। अपने खेतों में छिड़काव कर रहे किसान से जब फसल पर शराब के छिड़काव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शराब का छिड़काव करने से आलू में कोई रोग नहीं लगताए कीट आदि से बचाव रहता है साथ ही इससे आलू के अंदर फुलाव आता है और पैदावार भी अधिक होती है।

किसानों का मानना है कि शराब के छिड़काव से फसल पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ताए बल्कि आलू की बढ़वार बेहद तेजी से होती है और इससे किसान को ही फायदा होता है। किसान ने बताया कि प्रति एकड़ के हिसाब से जिब्रेलिक एसिड में देसी शराब का एक क्वॉर्टर मिलाकर छिड़काव किया जा रहा है।

7th pay commission: बड़ी खुशखबरी, केंद्रीय कर्मचारियों की 9000 रुपये बढ़ेगी सैलरी, 50 फीसदी होगा महंगाई भत्ता!

क्या अन्य फसलों में कर सकतें है शराब का छिड़काव

किसान से जब इस मामले में पूछा गया तो उन्होने बताया कि शराब का छिड़काव किसी भी फसल में छिड़काव कर सकतें है। शराब के छिड़काव से किट, मक्खि व मच्छर उत्पन्न नही होते है। इसके साथ ही उन्होने बताया कि शराब के छिड़काव से फसल का बढाव होता है और पैदावार भी अच्छी होती है। उन्होने बताया कि फसल की शुरूआती दौर में पौधे छोटे होते है जिसमें मक्खि मच्छर का अधिक प्रभाव रहता है। शराब के छिड़काव से यह समस्या दुर हो जाती है।

Pan Card New Update: पैन कार्ड धारकों के लिए नई जानकारी, लिंक करवाने की तारीख में हुई बढ़ोतरी

वहीं कृषि विज्ञान केन्द्र मथुरा के अध्यक्ष और वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके मिश्रा के अनुसार एल्कोहल का फसल में छिड़काव का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। उन्होंने बताया कि किसान जिसे शराब की वजह से आलू की फसल में ग्रोथ समझ रहे हैं दरअसल वह जिब्रेलिक एसिड की वजह से होता है। मिश्रा के अनुसार जिब्रेलिक पौधे की ग्रोथ को बढ़ाता है। आलू और पत्ती दोनों के साइज को बढ़ाता है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि आलू की अच्छी पैदावार के लिए किसान जिब्रेलिक का प्रयोग करें लेकिन शराब का प्रयोग न करें। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पैसे की बर्बादी है।

किसानों के लिए बड़ी खबर, खराब फसलों का मुआवजा तय, प्रति एकड़ मिलेगा इतना मुआवजा

Tags:
Next Story
Share it