जीरे का भाव सुन आप भी दांतो तले दबा लेंगे उंगली, इतिहास में पहली बार जीरा बना सभी मसालों का बाप

जीरे का भाव सुन आप भी दांतो तले दबा लेंगे उंगली, इतिहास में पहली बार जीरा बना सभी मसालों का बाप
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By. Khetkhajana.com

जीरे का भाव सुन आप भी दांतो तले दबा लेंगे उंगली, इतिहास में पहली बार जीरा बना सभी मसालों का बाप

भारत में गुजरात और राजस्थान में बड़े पैमाने पर जीरे की खेती की जाती है। वेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि के कारण जीरे की खेती के उत्पादन में काफी कमी आई है लेकिन देशभर में जीरा की मांग अधिक होने के कारण इसके भाव आसमान छूने लगे हैं। जीरे के भाव में तेजी का कारण इसकी कम उपज का होना है। क्योंकि अबकी बार जीरे की फसल बहुत कम क्षेत्रों में की गई है और बारिश के कारण इन क्षेत्रों में जीरे की फसल बहुत अधिक प्रभावित हुई है अबकी बार जीरे के भाव ₹50 हजार क्विंटल होने का यही मुख्य कारण है

राजस्थान और गुजरात की मंडियों के भाव

राजस्थान की नागौर जिले की मेड़ता मंडी में जीरे के भाव सबसे अधिक देखने को मिले हैं। यहां पर जीरा सीधा 9000 हजार रूपये उछलकर 50 हजार रुपए प्रति क्विंटल के पार चला गया। वहीं गुजरात की उंझा मंडी में भी जीरे के भाव में बड़ी तेजी देखने को मिली है यहां प्रति क्विंटल जीरा ₹45000 के पार बिक रहा है

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

जोधपुर के संस्थापक और निदेशक भागीरथ चौधरी का जीरे की तेजी पर कहना है कि जहां 2018 में जीरे का भाव सिर्फ 12 से लेकर ₹13000 प्रति क्विंटल था। वहीं अब 2 सालों में यह बढ़कर 30,000 रुपए प्रति क्विंटल के भी पार चला गया है। पिछले साल जीरे का भाव ₹35000 प्रति क्विंटल बिका था लेकिन इस साल जीरे की शानदार बढ़ोतरी के साथ यह 50,000 के भी पार जाने वाला है।

उनका कहना है कि जीरे में तेजी की वजह अबकी बार राजस्थान में कम क्षेत्र में बुवाई मुख्य कारण है। क्योंकि सरसों बुवाई के समय इसके भाव काफी कम थे। जिस कारण लोगों ने सरसों बुवाई की तरफ अधिक ध्यान दिया लेकिन बाद में इसके भाव बढ़ गए बाकी बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि ने भी फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है इस कारण जीरे के भाव में तेजी आई है।

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