कैसे बनता है ग्वार की फली से गोंद, जानिए क्यों डाला जाता है दूध, पनीर और आइसक्रीम में

By. Khetkhajana.com
कैसे बनता है ग्वार की फली से गोंद, जानिए क्यों डाला जाता है दूध, पनीर और आइसक्रीम में
ग्वार एक बरानी फसल है यह हरियाणा और राजस्थान में अधिक मात्रा में बोई जाती है कम खर्चे में अधिक मुनाफा देने वाली इस फसल में लागत बहुत ही कम आती है। इसे कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में बोया जा सकता है इस फसल का अधिकतर उपयोग उपयोग पशुओं के चारे व दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन ग्वार की फली को सब्जी के रूप में भी उपयोग किया जाता है भारत के कई राज्यों में ग्वार फली की सब्जी बड़े चाव से खाई जाती है।
ग्वार फली में कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। शुष्क क्षेत्रों के किसानों की यह लोकप्रिय फसल है क्योंकि इसमें पानी की आवश्यकता बहुत ही कम होती है। कम आय वाले किसान व कम पानी वाले क्षेत्रों में किसान बड़ी आसानी से इस फसल को बो सकते हैं।
इस पौधे के बीज से ग्लैक्सोमैनन नामक गोंद प्राप्त होता है ग्वार के बीजों का गोंद बनाने के लिए अच्छे पके हुए ग्वार के बीजों का उपयोग किया जाता है। गोंद बनाने के लिए सबसे पहले बीज के छिलकों को उतार लिया जाता है बाद में उसे छानकर पीस लेते है। ग्वार गम क्प सफेद से क्रीम रंग, मुक्त बह पाउडर और बाह्य पदार्थ से मुक्त कर उत्पादित किया जाता है। ग्वार गम (गेल्काटॉमेनन) एक उच्च आणविक भार कार्बोहाइड्रेट बहुलक है जो कि मैनोस और गैलेक्टोज इकाई की बड़ी संख्या के एक साथ जुड़ने से बना है। कच्चा ग्वार गम हल्के सफेद रंग का पाउडर होता है जो 90% पानी में घुल जाता है। यह एक गैर-आयनिक पॉलीसैकराइड है जो ग्वार सेम के पीसे हुए एण्डोस्पर्म पर आधारित है (फली का बीज सियामोप्सिस टेट्रागोनोलोबा) । ग्वार गम एंडोस्पर्म से बना होता है और इसमें छोटी मात्रा में फाइबर और मिनरल के साथ मोनोगालाक्टोसेस के चिपचिपे पोली समूह समाहित होते हैं।
गवार के बीजों से प्राप्त हुए गोंद का उपयोग खाद्य पदार्थों व औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाता है। इसके गोंद का उपयोग कई लजीज व्यंजनों में भी किया जाता है। इसके गोद से बने दूध को साधारण दूध, पनीर और आइसक्रीम में उपयोग किया जाता है जिनसे इनका स्वाद और भी दुगना हो जाता है इसके गोंद को औषधीय उपयोग व उद्योगों में बड़े पैमाने पर भी किया जाता है।