रायपुर में बाप-बेटे ने कि पीले तरबूज की जैविक खेती, बाप पैर से अपाहिज फिर भी 6 एकड़ में लगाई विभिन्न प्रकार की सब्जी।

रायपुर में बाप-बेटे ने कि पीले तरबूज की जैविक खेती, बाप पैर से अपाहिज फिर भी 6 एकड़ में लगाई विभिन्न प्रकार की सब्जी।
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रायपुर में बाप-बेटे ने कि पीले तरबूज की जैविक खेती, बाप पैर से अपंग फिर भी 6 एकड़ में लगाई विभिन्न प्रकार की सब्जी।

खेत खजाना। गर्मी के मौसम में तरबूज तरावट देने का काम करता है। इसके चलते बाजारों में कई किस्मों के तरबूजों की बिक्री हो रही है। गांव रायपुर में एक किसान ने टोक्यो जापान, जूमारेड फ्रांस, नोनिया इजराइल, रेड चीफ चाइना व सकाटा जापान वैरायटी में पीले तरबूज की फसल लगाई है।

सिरसा जिले के गांव रायपुर के किसान रामचंद्र बैनीवाल ने अपने खेत में पीले रंग का तरबूज उगाया है। यह तरबूज लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लोग रामचंद्र बैनीवाल के खेत से ही तरबूज की खरीद कर रहे हैं। इसका स्वाद भी लोगों को खूब भा रहा है।

किसान रामचंद्र का कहना है कि इस समय उनके खेत में पीले तरबूज हैं। उनका दावा है कि लाल रंग के तरबूज के मुकाबले पीले तरबूज का स्वाद ज्यादा बेहतर है और यह ज्यादा मीठा होता है। तरबूज का रंग ऊपर से तो हरा है लेकिन अंदर से पीला और लाल निकलता है।

किसान रामचंद्र का कहना है कि हरे तरबूजों के मुकाबले यह पीला तरबूज थोक में 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा हैए जबकि हरा तरबूज 15.20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। वह बताते हैं कि इसकी खेती में काफी मेहनत है। 60 दिन में तैयार होने वाली पीले तरबूज की खेती में उन्होने 10 ट्रोली गाय के गोबर की खाद व आम, नीम, कोड़ तुंबा, आसकंद और जड़ी-बूंटी को लिकाकर तैयार मिश्रण का स्प्रे कर फसल में जान डाली है। किसान रामचंद्र ने बताया कि उन्होने पीले तरबूज के साथ-साथ हरिमिर्च, तोरी, ककड़ी, बैंगन, भिंडी, तर व खबूर्जा की खेती की हुई है। जैविक खेती होने की वजह से आस पास के गांव के लोग खेत से ही खरीदकर ले जाते है। जो कि लोगों को खूब भा रहा है।

किसान रामचंद्र ने सरकार से निराश होकर बताया कि सरकार की तरफ से उन्हे कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। संबधित विभाग के अधिकारी खेत में आते जरूर है लेकिन महज एक खाना पूर्ति कर चले जाते है। सरकार किसानों के लिए योजनाएं बहुत लागू करती है लेकिन उस योजना का लाभ किसानों तक नहीं पहुंचता है। किसान आधुनिक खेती करने के लिए बहुत महनत करता है लेकिन सरकार की तरफ से कोई सहयोग व सहायता नही मिलती हैं तो किसान हारकर आधुनिक खेती को बीच में ही छोड़ देता है। सरकार किसानों की सुध लें ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।

किसान रामचंद्र, गांव रायपुर, सिरसा।

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