हरियाणा में पहले प्राकृतिक आपदा, अब नहरबंदी से संकट में किसान, बोरवेल के पानी से बढ़ रहे उल्टी-दस्त के रोगी

हरियाणा में पहले प्राकृतिक आपदा, अब नहरबंदी से संकट में किसान, बोरवेल के पानी से बढ़ रहे उल्टी-दस्त के रोगी
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हरियाणा में पहले प्राकृतिक आपदा, अब नहरबंदी से संकट में किसान, बोरवेल के पानी से बढ़ रहे उल्टी-दस्त के रोगी

अनेक गांवों में गहराया पेयजल संकट, बोरवेल के पानी से बढ़ रहे उल्टी-दस्त के रोगी

सिरसा। प्राकृतिक आपदा के कारण जहां किसान पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है, वहीं अब नहर बंदी ने किसान के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। टीम बीकेई अध्यक्ष ने एक प्रेस बयान में बताया कि अप्रैल के महीने में नरमा व कपास की बिजाई का पूरा सीजन होता है, लेकिन हरियाणा सरकार व नहरी विभाग सिरसा की किसानों के प्रति नकारात्मक सोच के चलते भाखड़ा मैग्नेट बोर्ड, ग्रुप की बहुत सारी नहरें 18 अप्रैल से लेकर 2 मई तक बंद कर दी गई है।

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नहर बंदी ने जहां किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है, वहीं अनेक गांवों में पेयजल की भी तगड़ी किल्लत हो गई है। लोगों को मजबूरन पानी टंैकरों से मंगवाकर पीना पड़ रहा है। यही नहीं चोपटा क्षेत्र के कई गांवों में जो सेमग्रस्त है, वहां ट्यूबवैल का पानी सप्लाई होने से लोगों में उल्टी-दस्त की बिमारी बढ़ रही है। जिन नहरों की बंदी की गई है, उनमें मम्मड़ खेड़ा, कालूआना, केवल, मिठड़ी, डबवाली, मौजगढ़, जंडवाला, चौटाला, तेजाखेड़ा, लोहगढ़, कालूआना लिंक चैनल, लम्बी माइनर, मसीता माइनर, रोड़ी ब्रांच, रंगा गुढ़ा डिस्ट्रीब्यूटरी, सहारनी, शेखुपुरा, बनी, अबूतगढ़, ओटू फीडर, एसजीसी, एनजीसी इत्यादि नहरें आती हैं।

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इसके साथ-साथ सिरसा मेजर, कुत्तियाना, बरूवाली शामिल है। 26 दिसंबर 2022 से 3 जून 2023 तक 2 हफ्ते नहर चलने व 2 हफ्ते बंद रहने का शेड्यूल बना हुआ है, लेकिन बिजाई के समय यह नहरें एक सप्ताह चलाकर बंद कर दी गई हैं। फतेहाबाद से लिंक वनमंदोरी, गिगोरानी, पीलीमंदोरी, शेरांवाली, नोहर फीडर, सुखचैन इत्यादि नहरें 2 जून तक चलेंगी।

नहरी विभाग का कहना है कि अगर पानी और आ जाता है तो छोटी-मोटी नहरें और भी चला सकते हैं। बीकेई अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को लगा था कि गेहूं व सरसों की फसल नष्ट होने के बाद सरकार उनकी आगामी फसल के लिए मदद करेगी, लेकिन सरकार ने मदद की बजाय किसानों के लिए और मुश्किलें पैदा कर दी है। टीम बीकेई किसानों से संपर्क कर इस समस्या को लेकर जल्द संज्ञान लेगी, ताकि किसानों की बिजाई प्रभावित न हो।

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