नई उम्मीद, कपास की खेती में किसान का रूख, इस वैरायटी में 28 क्विंटल उत्पादन का अनुमान

नई उम्मीद, कपास की खेती में किसान का रूख, इस वैरायटी में 28 क्विंटल उत्पादन का अनुमान
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नई उम्मीद, कपास की खेती में किसान का रूख, इस वैरायटी में 28 क्विंटल उत्पादन का अनुमान

खेत खजाना, सिरसा। फिलहाल गेंहू की फसल अंतीम पड़ाव पर चल रही है। कुछ हिस्सों में गेंहू की कटाई बढाई का काम हो चुका है तो कुछ हिस्सों में होना बाकी है। ऐसे  में नई उम्मीद व अगेती कपास कि बिजाई की तरफ रूख करते हुए किसान ने कपास की बिजाई शुरू कर दी है। किसान अगली फसल लेने के लिए दिन रात खेतों में लगा हुआ है। चाहे खेतो में सिंचाई का काम हो या फिर बुआई-गढाई का काम हो किसान दिन रात एक किए हुए है।

जैसा कि आप सभी जानते है कपास की फसल का बुआई का समय आ गया है। किसान अच्छी क्वालिटी व गुणवता वाले बीज का इंतजार कर रहें हैं। ताकि उन्हे अधिक उत्पादन के लिए उच्च गुणवता वाला बीज मिल सके और उसकी सही तरीके से बिजाई की जाए।

कपास कि बिजाई के लिए जानकारी देते हुए सिरसा जिला के गांव गुड़िया खेड़ा के किसान हरिसिंह सोलेंखी ने बताया कि वह हर साल 40 एकड़ में खेती करता है। खेती से जुड़ी उन्हे अच्छी खासी जानकारी है। पिछली साल उन्होने राशि-773, 776 की अधिक बिजाई की थी। इस वैरायटी की अंकूरित बहुत बढिया थी लेकिन इसमें सबसे अधिक रोग आने की संभावना होती हैं। जिसका नुकसान किसान को उत्पादन में झेलना पड़ता है। उन्होने बताया कि राशि 773 व 776 में लाल सुंडी का अधिक प्रकोप रहता है। इस रोग की वजह से उन्हे काफि नुकसान झेलना पड़ा। उन्होंने बताया की उत्पादन तो दूर की बात खर्चा ही पूरा नहीं पाए।

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इसके साथ ही उन्होने पिछली बार अजीत 177 वैरायटी की बिजाई की हुई थी। अजीत 177 में किसी भी प्रकार की बीमारी या फिर पौधा का गलन-सड़न जैसी बीमारी नही आई थी। उन्होने बताया कि वैरायटी 177 क्षेत्र में टोप रही थी। जिसका उत्पादन प्रति एकड़ के हिसाब से 10 क्विंटल की औषत आई थी।

किसान हरिसिंह ने बताया कि इस बार भी उन्होने अधिकतर बिजाई टाटा दिग्गज व अजीत.177 वैरायटी की है। इसमें न तो कोई जल्दी से रोग आता है। और पानी की भी कम आवश्यकता होती है। उन्होने बताया कि अगर किसान महनत और लगन से कपास की खती करता है तो अजीत 177 प्रति हैक्टेयर के हिसाब से 25 से 28 क्विंटल तक औषत देता हैं। इसलिए किसान अच्छी व अधिक गुणवता वाले बीज का उपचार करें ताकि किसान को कपास की खेती में अधिक से अधिक लाभ मिल सकें।

किसान हरिसिंह सोलेंखी, गुडिया खेड़ा सिरसा।

नोट- यह जानकारी एक किसान की निजी जानकारी है। किसान कपास की खेती के लिए अपने विवेक से काम लें।

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