जब हो गया था गेहूं का भूसा 2 हजार रूपये प्रति क्विंटल, ऐसी हो गई थी पशुपालकों की हालत, कहीं ये संकट दोबारा पैदा ना हो

जब हो गया था गेहूं का भूसा 2 हजार रूपये प्रति क्विंटल, ऐसी हो गई थी पशुपालकों की हालत, कहीं ये संकट दोबारा पैदा ना हो
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By. Khetkhajana.com

जब हो गया था गेहूं का भूसा 2 हजार रूपये प्रति क्विंटल, ऐसी हो गई थी पशुपालकों की हालत, कहीं ये संकट दोबारा पैदा ना हो

पिछले साल सरसों की अधिक बिजाई के कारण किसानों द्वारा गेहूं की बिजाई कम क्षेत्रों में की गई थी जिस कारण पिछला साल किसानों और पशुपालकों के लिए बहुत मुश्किल से गुजरा। इस साल में गेहूं के भूसे का संकट ज्यों का त्यों बना हुआ है खाद्य चीजों की बढ़ती महंगाई ने आम जनता को तो वैसे ही मार रखा है इसके साथ ही भूसे के भाव 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल पहुंचने से पशुपालकों की जान पर बन आई। पशु चारे पर संकट तो अभी है लेकिन अब किसानों को गेहूं सीजन के चलते थोड़ी राहत मिली है पिछले साल की बात करें तो भूसा अब की बजाय 2 से 3 गुना महंगा बिक रहा था गेहूं के सीजन में ही गेहूं का भूसा 1700 से 2 हजार रूपये के बीच बिक रहा था राजस्थान के बीकानेर शहर में भूसे का भाव ₹2000 प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था।

पिछले साल सरसों का उत्पादन गेहूं से कई गुना ज्यादा हुआ था जो गेहूं के भूसे का भाव बढ़ने का प्रमुख कारण था जिस कारण गेहूं का भूसा महंगा हो गया था। लेकिन अब की बार गेहूं के भूसे के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं इसके पीछे का बड़ा कारण गेहूं के बढ़ते भाव हैं क्योंकि किसानों को गेहूं के दाम अच्छे मिल रहे हैं जिससे वह गेहूं का भूसा भी अच्छे दामों पर बेचना चाहते हैं जिन पशुपालकों के पास जमीन या गेहूं की फसल नहीं बोई है उनके लिए यह एक चुनौती के समान है।

पिछले वर्ष किसानों को भूसा खोजने के लिए दर-दर भटकना पड़ा था क्योंकि 1200 से 1300 रूपये प्रति क्विंटल बिकने वाले गेहूं के भूसे की बहुत ज्यादा कमी आ गई थी जिससे मवेशियों की खाना पूर्ति नहीं हो रही थी और पशुपालकों को भूसा संकट की कमी सता रही थी 1 दिन में 1 मवेशी लगभग 10 से 15 किलो भूसा खा जाता है जिससे 1 क्विंटल भूसा सिर्फ दो-चार दिन ही होता है बहुत अधिक पशु रखने वाले किसान अधिक भूसा स्टोर करके रख लेते हैं ताकि उन्हें भूसे का संकट ना हो इसलिए अबकी बार किसान अपना भूसा नहीं बेच रहे हैं अब देखना यह होगा कि क्या अबकी बार भी भूसे के दाम बढ़ेंगे या फिर पशुपालकों को राहत मिलेगी क्योंकि अगर गेहूं के दाम ₹3000 प्रति क्विंटल से भी ऊपर जा सकते हैं तो गेहूं का भूसा भी तेजी पकड़ सकता है।

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