किसानों की चांदी, ईंट भट्टे पर इस भाव बिक रहा सरसों का भूसा
By. Khetkhajana.com
किसानों की चांदी, ईंट भट्टे पर इस भाव बिक रहा सरसों का भूसा
सरसों की कटाई लगभग खत्म हो चुकी हैं सरसो निकालने के बाद जो भूसा शेष रह जाता है वह मवेशियों के खाने योग्य नहीं होता इसलिए किसान इसे ईट भट्टे पर ही बेच सकते हैं अधिकतर ईट भट्ठा संचालक ईट पकाने के लिए कोयले की जगह सरसों के भूसे का प्रयोग करते हैं क्योंकि यह कोयले से कहीं ज्यादा कम खर्चीला होता है और आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है किसानों के खेतों में पड़ा सरसों का भूसा सिर्फ ईट भट्टे के द्वारा ही प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि यह पशुओं का भोजन नही है।
ईट पकाने में मिलते हैं अच्छे परिणाम
सरसों के भूसे की आग टिकाऊ होने के कारण ईंट भट्टा संचालक इसे बहुत अधिक मात्रा में प्रयोग करते हैं सरसों के भूसे से पक्की ईद अधिक टिकाऊ होती है। ईट भट्टा संचालक कोयले के अधिक महंगे होने के कारण अब सरसों के भूसे का उपयोग करने लगे हैं। सरसों का भूसा पंजाब, हरियाणा, झारखंड और उत्तर प्रदेश में अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है।
इस भाव बिक रहा सरसों का भूसा
सरसों के भूसे से किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। ईट भट्टा संचालक सरसों का भूसा 400 रूपये से लेकर 450 रूपये प्रति क्विंटल तक खरीद रहे हैं जिससे किसानों को सरसों का भूसा बेचकर काफी मुनाफा हो रहा है। जहां मंडियों में सरसों का भाव स्थिर दिखाई दे रहा है वहीं सरसों का भूसा बेच किसान अधिक लाभ ले रहे हैं।