इस राज्य मे बीमा क्लेम हुआ जारी, 810 करोड़ रुपए सहित लाखों किसानों को मिलगा लाभ
इस राज्य मे बीमा क्लेम हुआ जारी, 810 करोड़ रुपए सहित लाखों किसानों को मिलगा लाभ
खेत खजाना: केंद्र और राज्य सरकार किसानों को राहत देने का काम कर रही हैं. ओलावृष्टि, बाढ़, बारिश और सूखे में फसल बर्बाद होेने पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है. किसानों को सब्सिडी पर बीज उपलब्ध कराए जाते हैं, वहीं, कई सारी मशीनों पर भारी छूट दी जाती है. इसके अलावा किसानो को मशीनों की खरीद पर भी भारी छूट दी जाती है. अब बिहार सरकार ने किसानों के हित में कदम उठाए हैं. किसानों को हुए फसलांे के नुकसान के एवज में किसानों को राहत देनी शुरू कर दी है. राज्य सरकार की मदद से बीमा कंपनियां किसानों को फसल बीमा दे रही हैं.
6.83 लाख किसानों को जारी होंगे 810 करोड़ रुपये
कृषि मंत्री ने सूखा प्रभावित क्षेत्र के किसानों के लिए बड़ी राहत दी है. झारखंड में 683922 किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा. इसके लिए पूरा खाका राज्य सरकार की ओर से खींच लिया गया है. करीब 810 करोड़ रुपये की बीमित धनराशि किसानों को दी जाएगी. वर्ष 2018-19 में किसानों ने खरीफ और रबी सीजन की फसलों के लिए बीमा कराया था. किसानों को काफी फसली नुकसान हुआ था. अब इन किसानों के भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
राज्य सरकार ने किया 362 करोड़ का भुगतान
किसानों को बकाया भुगतान करने के लिए राज्य सरकार गंभीर है. हाल में राज्य सरकार के अधिकारियों और बीमा कंपनी के अधिकारियों के बीच किसानों को बीमा भुगतान करने के लिए बैठक हुई थी. राज्य सरकार की ओर से कंपनियों को 362.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है. इसके बाद से ही कंपनियों ने किसानों को भुगतान करने की कवायद शुरू कर दी है.
किसानों को समय से दी जा रही धनराशि
राज्य सरकार किसानों को समय से भुगतान कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि अभी तक सरकार की ओर से बीमा कंपनियों को करोड़ों रुपये का भुगतान हो जाता था. मगर किसान भाईयों को धनराशि नहीं मिल पाती थी. इसमें कई तकनीकी समस्याएं देखने को मिली. अब राज्य सरकार ने राज्यांश की धनराशि जारी करनी बंद कर दी है. साथ ही बीमा कंपनियों के सामने शर्त रखी है कि जब तक बीमा कंपनियां यह लिखित में ये नहीं देंगी कि किसानों को बीमा भुगतान किया जाएगा, तबतक राज्यांश नहीं दिया जाएगा.