सोयाबीन की बंपर पैदावार, कैसे करें अच्छी बीज का प्रबंध 

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सोयाबीन की अच्छी पैदावार : कैसे करें अच्छी बीज का प्रबंध : बंपर पैदावार के लिए करें अभी यह काम | हमारे देश में गेहूं के बाद सबसे ज्यादा बोई जाने वाली फसल मैं सोयाबीन का नाम आता है । मध्यप्रदेश में होती है सबसे ज्यादा सोयाबीन की पैदावार.

सोयाबीन की पाए अच्छी पैदावार | मध्य प्रदेश सोयाबीन में अव्वल :

मध्य प्रदेश का किला राज्य है जो देश के सोयाबीन उत्पादन का अकेला आधा सोयाबीन का उत्पादन करता है सोयाबीन को मध्यप्रदेश में पीला सोना भी कहा जाता है। 58 लाख हेक्टेयर सोयाबीन की खेती के लिए मध्यप्रदेश में होती है

सोयाबीन की अच्छी पैदावार, के लिए कृषि वैज्ञानिकों कि किसानों के लिए एडवाइजरी /-

रबी फसल की कटाई कढ़ाई के बाद ही सोयाबीन की अच्छी पैदावार के लिए तैयारियां शुरू कर देनी आवश्यक है सोयाबीन की बेहतर पैदावार के लिए जमीन को कैसे तैयार करना चाहिए ।

गहरी जुताई :-

फसल की बुवाई करने से पहले सबसे जरूरी होता है कि‌ गहरी जुताई करे, जिसे मिट्टी के अंदर दबे हुए कीट वह बीमारियों की तीव्रता मिट्टी उलझने से कम हो जाएगी । खरीफ सोयाबीन की फसल बीमारियां अधिक आती है अगर किसान समय पर इसका प्रबंध कर ले तो कीट वह बीमारियों की समस्या भी कम हो जाती है

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खाद बीज की मात्रा कितनी रखनी चाहिए?

बुवाई करते वक्त 20 से 25 किलो नाइट्रोजन, 20 से 25 किलो पोटाश, 60 से 80 किलो फास्फोरस, सभी चीजें एक ही समय में बेसल डोज के तौर पर जमीन में दे । वह बुवाई करने का सही समय 20 अप्रैल से 5 मई तक उचित माना जाता है प्रत्येक हेक्टेयर में 80 किलो के लगभग बीज बोना चाहिए ।

बीज प्रबंधन के साथ अन्य महत्वपूर्ण बातें :-

किसानों को अच्छे बीज का प्रबंध उचित समय रहते कर लेना चाहिए, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सोयाबीन की अच्छी पैदावार के लिए 18 किस्मों का विकास किया गया है जिनमें से 10 किस्में देश के 74% बोई जाती है । किसान भाई जेएनकेवी द्वारा विकसित 2069, 2034, 2098 और वर्तमान में विकसित की गई जवाहर 20-116 का इस्तेमाल भी कर सकते है क्योंकि इनमें बीमारियां भी कम आती है ।

बीमारियों से फसल को कैसे बचाए :-

सफेद मक्खी से मृदा जनित और विषाणु जनित रोग अधिक लगता है जिसके कारण सारी फसल पीली होकर सुख जाती है और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है । यह रोग सोयाबीन बीज की पुरानी किस्म में ज्यादा होता है अगर इस रोग के पोधे खेत में कम दिखे तो उन्हे उखाड़ कर बाहर फेंक दे या खतम कर दे। और समय रहते सफेद मक्खियों को खत्म करने वाली दवाओं का छिड़काव कर ले।

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जड़ के रोगों को कैसे करे निवारण :-

अगर फसल में जड़ सड़न रोग आ जाता है तो फसल को बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है जिससे बचने के लिए खेत में फुफुद नास्क दवाओं का छिड़काव पहले ही कर ले तो सबसे बढ़िया रहता है,और फसल जड़ सड़न रोग से बचाया जा सकता है ।

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