किसान कम पानी व रेतीली भूमि में करें कूल विधि से कपास की खेती, होगा अधिक उत्पादन

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किसान कम पानी व रेतीली भूमि में करें कूल विधि से कपास की खेती, होगा अधिक उत्पादन

खेत खजाना। फिलहाल किसानों ने गेंहू की कटाई बढाई का काम पूरा कर लिया है। अब किसान अगली फसल की तैयारी में लगे हुए है। देशी कपास व नरमा की बिजाई के लिए किसान दिन रात महनत कर खेतों में सिंचाई व बुआई का कार्य कर है। ऐसे में कम पानी व रेतीली जमीन वाले किसान कपास की खेती करना चाहते है लेकिन पानी कि किल्लत व रेतीली जमीन होने की वजह से कपास की खेती नही कर पाते है। लेकिन अब उन किसानों को परेशान होने की जरूरत नही है। उन किसानों के लिए कूल विधि सबसे बेस्ट पद्ति के रूप में उभकर आई है। किसान कूल विधि से नरमा की खेती का प्रयोग करके देखें। इस विधि से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा।

इसकी जानकारी देते हुए सिरसा के किसान विक्रम पाल ने बताया कि उनके पास चार एकड़ भूमि हैं वो भी बिरानी है। खेत तो समतल है और उनमें लगी फसल को पानी भी असानी से दिया जा सकता हैं लेकिन सिंचाई के लिए पानी कि किल्लत होने कि वजह से कपास की खेती करना मुश्किल हो गया है। उन्होने तीन साल पहले नरमा की खेती करने के लिए करने कूल विधि को अपनाया। जिससे पानी की पूर्ति भी हो जाती है और उत्पादन भी अधिक होता है।

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कूल विधि के फायदे

कपास की खेती के लिए कूल विधि के निम्न फायदे है।

इस विधि से मशीन के माध्यम से मेड़ बनाकर बिजाई की जाती है।

इस विधि से बीज भी कम मात्रा में पड़ता है।

इस विधि से की फसल में कम पानी की आवश्यकता होती है।

इस विधि से रेतीली जमीन में कपास की खेती की जा सकती है।

इसलिए रेतीली जमीन वाले किसान कूल विधि को अपनाकर देखें इस विधि से किसानों को अधिक लाभ मिलने वाला हैं।

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