क्यों मशहूर है उत्तर प्रदेश का धान? बढ़ रही है विदेशों में तेजी से मांग, खेती करने का अनोखा तरीका

क्यों मशहूर है उत्तर प्रदेश का धान? बढ़ रही है विदेशों में तेजी से मांग, खेती करने का अनोखा तरीका
X

By. Khetkhajana.com

क्यों मशहूर है उत्तर प्रदेश का धान? बढ़ रही है विदेशों में तेजी से मांग, खेती करने का अनोखा तरीका

क्यों मशहूर है उत्तर प्रदेश का धान, बढ़ रही है विदेशों में इसके धान की मांग, किसान कैसे करते हैं धान की खेती उत्तर प्रदेश का धान विश्व भर में प्रसिद्ध है यहां के धान में एक अनोखी खुशबू है जो इसे अन्य धान से अलग बनाती है आज हम जानेंगे कि यहां के किसान द्वारा यहां ऐसी कौन सी किसम बोई जाती हैं जिससे उन्हें सबसे अच्छा धान और अधिक उत्पादन मिलता है

यहां धान की 5 उन्नत प्रजाति हैं। तो  उनकी अनुमानित प्रति हेक्टेयर उत्पादन, जो समान्तयः उत्तर प्रदेश में बोई जाती हैं।

पंत धान 10: 35-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

यह एक और संकर किस्म है, जो कि उत्तर प्रदेश में काफी लोकप्रिय है। यह अपनी उच्च उपज क्षमता, कीटों एवं रोगों के लिए अच्छे प्रतिरोध और खाना पकाने की अच्छी गुणवत्ता हेतु मशहूर है। यह एक लघु समयावधि की फसल भी है, जो कि तकरीबन 115-120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

पीबी1: 35-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

यह चावल की एक ऐसी किस्म है, जिसको उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जाता है। यह अपनी उच्च उपज क्षमता, कीटों एवं रोगों के प्रति अच्छे प्रतिरोध हेतु जाना जाता है। यह अति शीघ्र पकने वाली फसल भी है, जिसे पकने में लगभग 110-115 दिन लगते हैं।

पूसा बासमती 1121: 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

यह बासमती चावल की एक बेहतरीन पैदावार देने वाली किस्म है, जो अपने लंबे एवं पतले दानों, सुखद सुगंध व उत्कृष्ट खाना पकाने की गुणवत्ता हेतु जानी जाती है। यह कीटों एवं रोगों के लिए भी प्रतिरोधी मानी जाती है। इसकी खेती के लिए अन्य किस्मों की तुलना में कम पानी की जरूरत होती है। इसकी बाजार में काफी मांग है। साथ ही, इसका इस्तेमाल सामान्य तौर पर बिरयानी बनाने के लिए किया जाता है।

पूसा सुगंध 5: 30-35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

यह एक सुगंधित चावल की किस्म है, जो उत्तर प्रदेश के अंदर व्यापक तौर से उत्पादित की जाती है। यह अपने छोटे और सुगंधित अनाज, उच्च उपज क्षमता के लिए मशहूर है। यह पकाने में भी आसान होती है।

पूसा 44: 30-35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

यह चावल की एक गैर-बासमती किस्म है, जो उत्तर प्रदेश में बेहद मशहूर है। यह भी एक उच्च उपज वाली किस्म है, जो बहुत सारे कीटों व रोगों के लिए प्रतिरोधी सबित होती है, जो कि इसको कृषकों हेतु एक विश्वसनीय विकल्प बनाती है।

यह धान की उन्नत किस्मों के कुछ उदाहरण हैं, जो सामान्यतः उत्तर प्रदेश में उत्पादित की जाती हैं। बहुत सारी बाकी किस्में भी उत्पादित की जाती हैं, जिनमें से हर एक किस्म की अपनी अनोखी खासियत और फायदा है। यह ध्यान रखना काफी अहम है, कि इस लेख में प्रति हेक्टेयर उत्पादन अनुमानित आंकड़ों पर आधारित है। क्योंकि किसानों द्वारा अपनाई गई खास स्थितियों एवं प्रबंधन प्रथाओं के तहत वास्तविक पैदावार भिन्न हो सकती है।

Tags:
Next Story
Share it