भिंडी की इस किस्म से मिलेगा प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल का उत्पादन, बस थोड़ी सी लागत और मुनाफा लाखों में

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By. Khetkhajana.com

भिंडी की इस किस्म से मिलेगा प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल का उत्पादन, बस थोड़ी सी लागत और मुनाफा लाखों में

किसान अगर भिंडी की खेती करना चाहते हैं तो आने वाले महीने यानी जून और अगस्त इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त है भिंडी की खेती में अगर आप अच्छा उत्पादन लेना चाहते हैं तो इन किस्मों को खेती कर प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल भिंडी का उत्पादन कर सकते हैं आइए जानते हैं यह कौन सी किसम है

भिंडी की उन्नत किस्में

काशी सृष्टि (VROH-12) F1 हाइब्रिड

काशी सृष्टि भिंडी की किस्म उत्तर प्रदेश में खेती के लिए उपयुक्त मानी गई है. इसकी उपज क्षमता 18 से 19 टन प्रति हेक्टेयर है. इसकी पौधों की 2-3 शाखाएं एवं संकीर्ण कोण वाली होती है.

काशी लालिमा (VROR-157)

काशी लालिमा भिंडी लाल-बैंगनी रंग की होती है. आकार में मध्यम लंबे और छोटे इंटरनोड्स है. इसकी उपज क्षमता 14-15 टन प्रति हेक्टेयर होती है. यह भिंडी एंथोसायनिन और फेनोलिक्स से भरपूर होती है. गर्मी और खरीफ दोनों मौसम में खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है.

काशी चमन वीआरओ-109

इसके पौधे मध्यम लम्बे (120-125 सेमी.) होते हैं. काशी चमन भिंडी में बुवाई के 39-41 दिनों में फूल आने प्रारंभ हो जाते हैं. तो वहीं इसमें 45 से 100 दिनों के भीतर फल आने शुरू हो जाते हैं. काशी चमन दिखने में  गहरे हरे रंग और लंबाई 11-14 सेमी तक होती है. बात करें इसकी उपज क्षमता की तो इससे 150-160 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त होता है. यह किस्म गर्मी और बरसात दोनों मौसम में बुवाई के लिए उपयुक्त मानी जाती है.

काशी वरदान

काशी वरदान भिंडी की किस्म गर्मी और बरसात दोनों मौसमों के लिए उपयुक्त है. इसकी उपज क्षमता लगभग 140-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. यह किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पंजाब में खेती के लिए उपयुक्त पाई जाती है.

काशी मोहिनी

काशी मोहिनी भिंडी की किस्म गर्मी और बरसात के मौसम के लिए उपयुक्त मानी गई है. इसके पौधे 110-140 सेमी तक ऊंचे होते हैं. बरसात के मौसम में यह किस्म 130 -150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है. यह गर्मी के मौसम में उच्च तापमान को सहन करता है और खेत की परिस्थितियों में YVMV के लिए प्रतिरोधी है.

संकर- काशी भैरव

इस संकर के पौधे 2-3 शाखाओं वाले मध्यम लम्बे होते हैं. इस किस्म में उपज क्षमता 200-220 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. भिंडी की यह किस्म पूरे देश के लिए उपयुक्त मानी गई है.

काशी मंगली

काशी मंगली किस्म पंजाब, यूपी झारखंड. छत्तीसगढ़, उड़ीसा और ए.पी राज्यों के लिए उपयुक्त मानी गई हैं. इसको पौधे 120-125 सें.मी ऊंचे होते हैं. भिंडी की इस किस्म से बुवाई के 40 से 42 दिनों में फूल आने शुरू हो जाते हैं. काशी मंगली किस्म से 130 -150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त होती है.

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