सरकारी खरीद बंद होते ही 4600 रुपये क्विंटल बिकने लगी सरसों, 850 रुपये तक का सीधा नुकसान

सरकारी खरीद बंद होते ही 4600 रुपये क्विंटल बिकने लगी सरसों, 850 रुपये तक का सीधा नुकसान
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सरकारी खरीद बंद होते ही 4600 रुपये क्विंटल बिकने लगी सरसों, 850 रुपये तक का सीधा नुकसान

किसानों ने की सरकारी खरीद कराने की मांग, नहीं तो मंडियों के बाहर देंगे धरना

खेत खजाना : हर बार सरसों की सरकारी खरीद 15 मई तक जारी रहती है। इस दौरान किसान अपनी फसल आसानी से सरकार को समर्थन मूल्य पर बेच देते हैं। इस बार ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने सरसों की खरीद एक मई से बंद कर दी। इसका असर अब मार्केट पर स्पष्ट देखा जा सकता है। मंगलवार को ही व्यापारियों ने सरसों का भाव अपनी मर्जी से लगाने लग गए। जिले में व्यापारियों ने प्राइवेट सरसों 4600 रुपये क्विंटल तक खरीदें जो सरकारी खरीद व समर्थन मूल्य से 850 रुपये कम हैं। इससे किसान को प्रति एकड़ 8 से 10 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि एकाध दिन में सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं की तो वे सभी मंडियों के बाहर धरना देंगे।

प्रदेश सरकार ने सरसों की खरीद वैसे तो 20 मार्च से शुरू कर दी थी, लेकिन शुरूआत में खरीद एजेंसी नमी अधिक होने बहाना करते हुए किसानों से सरसों की खरीद नहीं की। इसके बाद सरसों में नमी कम हुई है तो मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो गई थी। इसके चलते सरसें की सरकारी खरीद सही से नहीं हुई। अब एक सप्ताह से सरसों की आवक मंडियों में बढ़नी शुरू हुई। इसी बीच खरीद एजेंसी पहले नैफेड ने टारगेट पूरा होने पर खरीद रोक दी। दो दिन तक सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड ने सरसों की खरीद की अब एक मई से सरकार के आदेश का हवाला देकर खरीद नहीं की जा रही है।

5450 रुपये तय किया है समर्थन मूल्य

सरसों का समर्थन मूल्य सरकार ने 5450 रुपये निर्धारित किया हुआ है, लेकिन सरसों के प्राइवेट खरीदार सरसों की बोली 4200 रुपये से शुरू करते हैं। इसके बाद 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक मुश्किल से पहुंचते हैं। हालांकि एकाच ढेरी 4800 रुपये तक भी खरीद लेते है। किसानों का कहना है कि सरकार सरसों को भावांतर भरपाई योजना से तहत भी खरीदे।

अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं

सरसों की सरकारी खरीद की जिम्मेदारी हैफेड की है। यहां पर हैफेड के डीएम राजेश हुड्डा है। किसान संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि इस बारे में वे डीएम से मिले, लेकिन डीएम का कहना है कि सरकार के आदेश आने पर ही सरसों की दोबारा खरीद शुरू होगी। पहले एक मई तक के आदेश थे। उस दौरान सरसों की सरकारी खरीद की गई।

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