अब हरियाणा में साझी खेवट तकसीम का झंझट होगा खत्म, बनेगा यह नया कानून।

अब हरियाणा में साझी खेवट तकसीम का झंझट होगा खत्म, बनेगा यह नया कानून।
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अब हरियाणा में साझी खेवट तकसीम का झंझट होगा खत्म, बनेगा यह नया कानून।

खेत खजाना: चंडीगढ़, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ई गवर्नेस से सुशासन की दिशा में बढ़ते हुए राज्य सरकार ने लोगों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी की फर्द यानी ई-फर्द प्रणाली की शुरुआत की है। अब लोगों को अपनी जमाबंदी की हस्ताक्षर युक्त फर्द निकालने के लिए पटवारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते, बल्कि www.jamabandi.nic.in पोर्टल के माध्यम से लोग डिजिटल हस्ताक्षर युक्त फर्द अर्थात नकल प्राप्त कर रहे हैं।

पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटान के लिए साझी खेवट की तकसीम हेतु सरकार नया कानून ला रही है। इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। और अदालतों में लंबे समय तक चलने वाले जमीनी झगड़ों से भी निजात मिलेगी। मुख्यमंत्री शनिवार को ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई-फर्द सुविधा का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे।

लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने ई-फर्द प्रणाली लागू करके आम जनमानस को बहुत बड़ी राहत दी है। अब उन्हें पटवारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लाभार्थियों ने कहा कि मुख्यमंत्री जिस प्रकार आप लोगों को सुविधा के लिए ऐसे ऐसे कार्य कर रहे हैं, हमने कभी नहीं सोचा था कि ये काम ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे ही होने लगेंगे। सरकार का यह कदम क्रांतिकारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के समय से चली आ रही लाल डोरा प्रथा के तहत पहले गांवों में लाल डोरा के भीतर रजिस्ट्री नहीं होती थी। इस कारण जमीन के कारण झगड़े होते थे। राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान करने के लिए गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के अभियान की शुरुआत की। इस योजना के तहत सभी गाँवों को लाल डोरा मुक्त किया गया और लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिया गया।

4 माह में 10,000 ई-फर्द की डाउनलोड

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 25 दिसम्बर, 2022 को पोर्टल शुरू किया था और यह खुशी की बात है कि पिछले 4 माह में लगभग 10,000 लोगों डिजिटल हस्ताक्षर युक्त ई-फर्द ऑनलाइन डाउनलोड की है। एक फर्द के लिए सर्विस चार्ज मात्र 100 रुपये है और पहले खेवट के लिए 10 रुपये तथा इसके बाद के प्रत्येक खेवट के लिए 5 रुपये फीस देनी होती है। पहले इस काम के लिए दलाल कमीशन लिया करते थे, लेकिन अब ऐसे दलालों से मुक्ति मिली है और इस प्रकार के काम घर बैठे हो रहे हैं।

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