एक ऐसा पक्षी जो अपने अंडे को तोड़ने के लिए एक कीमती पत्थर का इस्तेमाल करता है, किसान भी अंडे देख अच्छे मानसून का अनुमान लगाता है।

एक ऐसा पक्षी जो अपने अंडे को तोड़ने के लिए एक कीमती पत्थर का इस्तेमाल करता है, किसान भी अंडे देख अच्छे मानसून का अनुमान लगाता है।
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एक ऐसा पक्षी जो अपने अंडे को तोड़ने के लिए एक कीमती पत्थर का इस्तेमाल करता है, किसान भी अंडे देख अच्छे मानसून का अनुमान लगाता है।

खेत खजाना: एक ऐसा पक्षी है जिसका बारिश को लेकर बहुत महत्व है। जिस जमाने मे मोसम विभाग की जानकारी नहीं होती थी तब यह जीव किसानों को अपने अंडों के माध्यम से बारिश होने की जानकारी देता था। इस विचित्र प्राणी के अंडे से ही किसान अंदाजा लगाया करते थे की इस बार कितनी एमएम बारिश होगी। अगर आपके घर में 80 से 100 के वर्ष का बुजुर्ग है तो उनसे जानना की पहले किसान बारिश का अंदाजा कैसे लगाते थे। जी हाँ बात सच है उस पक्षी का नाम टिटहरी है।

ऐसी मान्यता है कि, टिटहरी जिस दिन वृक्ष पर रहने लगे समझो कि धरती पर भूकंप आ जाएगा। टिटहरी कभी भी वृक्ष पर अपना घर नहीं बनाती है। वह भूमि पर ही अंडे देती है और भूमि पर ही रहती है। कोई भी अन्य पक्षी जब भी अंडा देता हैं तो उस पर बैठकर उसको गर्म करके उसको तोड़ता है लेकिन टिटहरी ये सब से अलग है और ऐसा बिलकुल भी नहीं करता है। कहा जाता है कि, टिटहरी जब भी जमीन पर अंडा देता है तो उसे तोड़ने के लिए उसको पारस पत्थर की जरूरत पड़ती है। कहा जाता है कि अगर पारस अगर लोहे को भी छू ले तो वह सोना बन जाती है। आपको बता दे कि यह एक रहस्यमई पत्थर है जो कि हर किसी को आसानी से नहीं मिलता लेकिन टिटहरी इससे ना जाने कहां से ढूंढ लेती है। पारस बहुत ही कीमती पत्थर है जो बहुत ही दुर्लभ है।

शास्त्रों की कहानियां बताती हैं कि हिमालय के जंगलों में बड़ी आसानी से पारस मणि मिल जाती है, बस कोई व्यक्ति उनकी पहचान करना जानता हो। कहानियों के अंदर जिक्र आता है कि कई संत पारस मणि खोजकर लाते थे और अपने भक्तों को दे देते थे। यह मणि हिमालय के आस-पास ही पाई जाती है।

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