ग्वार फसल की उन्नत किसमे Guar Improved Varieties in hindi pdf

बाज़ारो में ग्वार की कई उन्नत किस्में देखने को मिल जाती है, जिन्हे चारे, दाने और हरी फलियों के आधार पर तीन भागो में बांटा गया है, उन्नत किस्में निम्न प्रकार है :-
उन्नत प्रजातियाँ
राज्यवार प्रमुख प्रजातियों का विवरण
ग्वार की फसल हेतु उपयुक्त भूमि (Guar Crop Soil)
ग्वार की खेती उचित जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी में करना चाहिए | इसकी फसल सिंचित और असिंचित दोनों ही जगहों पर आसानी से उगाई जा सकती है | 7.5 से 8.5 P.H. मान वाली लवणीय व् हल्की क्षारीय भूमि में ग्वार की खेती आसानी से कर सकते है |
Guar Crop Soil
ग्वार के खेत की तैयारी (Guar Field Preparation)
ग्वार की खेती किसी भी तरह की भूमि में की जा सकती है | किन्तु खेत की अच्छी तरह से जुताई कर उसे तैयार करना होता है | इसके लिए खेत की गहरी जुताई कर उसमे पानी लगा दिया जाता है | पानी लगे खेत में पानी सूख जाने के पश्चात् दो से तीन तिरछी जुताई कर खेत की मिट्टी को भुरभुरा कर दे | इसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर दे | समतल खेत में ग्वार के बीजो की रोपाई पंक्तियों में की जाती है |
ग्वार के बीजो की बुवाई का तरीका (Guar Seeds Sowing Method)
Guar Seeds Sowing Method
ग्वार के बीजो को बीज के रूप में लगाया जाता है | बीजो को लगाने के लिए ड्रिल विधि या छिड़काव विधि का इस्तेमाल करते है | समतल विधि में बीजो को खेत में छिड़ककर हल्का पाटा लगाकर चला दिया जाता है | इससे बीज खेत की कुछ गहराई में चला जाता है | ड्रिल विधि में बीजो को पंक्तियो में लगाया जाता है | पंक्तियों में बीज से बीज के मध्य 10 से 15 CM की दूरी तथा पंक्ति के मध्य 40 से 45 CM की दूरी रखे | बुवाई के समय खेत में नमी होनी चाहिए, ताकि बीजो का जमाव ठीक तरह से हो सके | ग्वार के बीजो की रोपाई ग्रीष्मकालीन के मौसम में फ़रवरी से मार्च माह के मध्य की जाती है, तथा वर्षाऋतु में बीजो को जून से जुलाई के मध्य लगाया जाता है |
ग्वार के बीजो की मात्रा व् बीजोपचार (Guar Seeds Quantity and Treatment)
यदि आप ग्वार की फसल दानो और हरी फलियों के लिए करना चाहते है, तो उसके लिए 15 से 18 KG बीज की जरूरत होती है, तथा हरी खाद फसल में 30 से 35 KG बीज लगते है | इसके अलावा हरे चारे के लिए 35 से 40 KG बीज प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लगते है | इन बीजो को खेत में लगाने से पहले उन्हें कैप्टान या बाविस्टिन की उचित मात्रा से उपचारित कर ले ताकि बीजो को आरम्भ में फफूंद जैसे रोग न लगे | पौधों में जड़ो की अधिक मात्रा में गांठ प्राप्त करने के लिए जीवाणु रोधक राइजोबियम उवर्रक से उपचारित कर लेना चाहिए | एक हेक्टेयर के खेत में 200 GM की मात्रा वाले दो पैकेट जीवाणु रोधक की जरूरत होती है |
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