बड़ी खबर: हरियाणा में बारिश से खराब हुई 3.39 लाख एकड़ फसल का ही मिलेगा मुआवजा, जानें कैसे?

बड़ी खबर: हरियाणा में बारिश से खराब हुई 3.39 लाख एकड़ फसल का ही मिलेगा मुआवजा, जानें कैसे?
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बड़ी खबर: हरियाणा में बारिश से खराब हुई 3.39 लाख एकड़ फसल का ही मिलेगा मुआवजा, जानें कैसे?

खेत खजाना: प्रदेश में बेमौसमी आंधी, बारिश, ओलावृष्टि से खराब फसलों के मुआवजे को लेकर सभी जिलों से रिपोर्ट मुख्यालय पहुंच गई है। इसके अनुसार, 25% से अधिक नुकसान 3.39 लाख एकड़ फसलों में हुआ है। इनमें रबी की सबसे बड़ी फसलें गेहूं और सरसों का रकबा 3,30,650 एकड़ है। गेहूं व सरसों में 25 से 50% तक नुकसान वाला रकबा 2,47,500 एकड़ है। 50 से 75% तक नुकसान वाला 59,750 एकड़ और 75 से 100% तक नुकसान वाला 23,400 एकड़ रकबा है। गेहूं से ज्यादा नुकसान सरसों में हुआ है। 1,90,900 एकड़ में सरसों व 1,39,750 एकड़ में गेहूं को नुकसान पहुंचा है।

बड़ी बात यह है कि 0 से 25% तक नुकसान वाली श्रेणी में 10.29 लाख एकड़ में गेहूं और 2.23 लाख एकड़ में सरसों की फसल है। इतने नुकसान के लिए सरकार की ओर से मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में करीब 12.52 लाख एकड़ फसलों में नुकसान का मुआवजा नहीं मिलेगा। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कहना है कि रिपोर्ट का डेटा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से मैच किया जा रहा है। किसानों को 31 मई तक फसल मुआवजा की राशि खातों में दी जाएगी।

डेटा का मिलान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किया जा रहा

प्रदेश के सभी जिलों से आए फसल खराबे के डेटा को फिलहाल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के डेटा से मैच किया जा रहा है। मुआवजे के लिए आवेदन करने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे किसान भी हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराया हुआ है। ऐसे किसानों को राज्य सरकार मुआजवा राशि नहीं देती है। इन्हें बीमा कंपनियों की ओर से योजना के तहत ही मुआवजा राशि दी जाएगी जब डेटा मैच हो जाएगा तो ऐसे किसानों के नाम लिस्ट से हटा दिए जाएंगे।

मुआवजे की फाइनल सूची जल्द बनाने के निर्देश दिए

प्रदेश सरकार ने किसानों को खराब फसलों की मुआवजा राशि मई में ही देने की घोषणा की हुई है। अभी करीब 10 दिन का समय बचा है। सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मुआवजे की फाइनल सूची जल्द से जल्द तैयार की जाए, ताकि जिन किसानों को गेहूं, सरसों या अन्य फसलों का मुआवजा दिया जाना है, उन्हें मुआवजा 31 मई तक दिया जा सके।

2.63 लाख किसानों ने 17.14 लाख एकड़ का मांगा था मुआवजा

6187 गांवों के 2,63,939 किसानों ने बारिश, ओलावृष्टि और आंधी में खराब हुई 17,14,759 एकड़ फसलों की जानकारी ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दी थी। किसानों ने गेहूं, सरसों, सब्जी, चारे, फल आदि में खराबे का मुआवजा मांगा था। महेंद्रगढ़ व कैथल में सबसे ज्यादा 2-2 लाख, जींद से 1.70 लाख, सोनीपत से 1.38 लाख दादरी से 1.30 लाख और रेवाड़ी 1.08 लाख एकड़ में फसल खराब होने की जानकारी दी गई।

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