Farmer News: 4500 किसानों को बीमा कंपनियों ने नहीं दिया अभी तक मुआवजा, देना होगा 0 प्रतिशत ब्याज के साथ जुर्माना
Khet Khajana: चंडीगढ़, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनियां किसानों से पूरी प्रीमियम राशि वसूल किया मुआवजा देने की बारी आई तो 4500 किसानों के आवेदन ठंडे बस्ते में डाल दिए। इस पर हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए सख्त भी हो गई है। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बीमा कंपनियों को भुगतान के लिए 10 दिन का समय देते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने पर मुआवजा राशि पर 10 प्रतिशत ब्याज के साथ जुर्माना देना होगा। हरियाणा सरकार का यह कदम सराहनीए हैं। इससे बीमा कंपनिया कुछ हद तक हरकत में आएगी।
अधिक जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार को सुमित लाठर सहित अन्य प्रभावित किसानों को लेकर चंडीगढ़ पहुंचे थे। उन्होंने गुलाबी सुंडी से बर्बाद हुई कपास फसल का मुआवजा नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया। जबकि नियमानुसार आवेदन के 10 दिन में बीमा कंपनियों को आवेदन में खामियां बतानी होती हैं। दावा सत्यापित होने पर किसानों को 15 दिन में भुगतान करना अनिवार्य हैए लेकिन सात महीने के लंबे अंतराल के बाद आवेदनों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
जींदए हिसारए रोहतक और कैथल के करीब 4500 किसानों की कपास की फसल गुलाबी सुंडी के चलते बर्बाद हो गई थी। बीमा कंपनियां किसानों के करीब 500 से 700 करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान नहीं कर रही हैं। उपायुक्तए एसडीएम और कृषि उपनिदेशक की जिला निगरानी कमेटियां भी बीमा कंपनियों की मनमानी की रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज चुकी हैं। कमेटी ने माना है कि बीमा कंपनियों ने सर्वे में देरी की है।
बीमा कंपनियों की मनमानी को लेकर विधायक ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों ने कपास उत्पादक किसानों के नाम किला नंबर और खसरा नंबर को लेकर आपत्तियां जताते हुए सात महीने बाद दावे निरस्त किए हैंए जबकि इन किसानों द्वारा धान का बीमा कराते समय भी ठीक यही जानकारी दी गई थीए लेकिन तब कोई आपत्ति नहीं लगाई गई।
कारण यह कि धान में कोई नुकसान नहीं होने के कारण बीमा कंपनियां करोड़ों रुपये की बीमा राशि हड़प गईए जबकि कपास के नुकसान का मुआवजा देने से बचने के लिए नियमों को ताक पर रखकर किसानों के आवेदन निरस्त कर दिए गए।
कृषि मंत्री ने दी ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी
बीमित फसलों का मुआवजा लटकाने पर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने नाराजगी जताई है। बीमित फसलों को नुकसान के मुआवजे के संबंध में अधिकारियों व बीमा कंपनियों के स्टेट हेड के साथ बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि इंश्योरेंस कंपनियों को सरकार की और से सब्सिडी जारी की जा चुकी है। जिन इंश्योरेंस कंपनियों ने मुआवजा राशि वितरित नहीं की हैए वे 10 दिनों के अंदर राशि वितरित करना सुनिश्चित करें। यदि ऐसा नहीं होता तो सरकार उन्हें ब्लैकलिस्ट करने सहित अन्य सख्त कदम उठाएगी।
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