चावल उत्पादन में 5% गिरावट, बढ़ी चिंता: बारिश के कारण खतरे की घंटी!

चावल उत्पादन में 5% गिरावट, बढ़ी चिंता: बारिश के कारण खतरे की घंटी!
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चावल उत्पादन में 5% गिरावट, बढ़ी चिंता: बारिश के कारण खतरे की घंटी!

खेत खजाना: चावल, जो भारतीय रसोईघर की आधी आवश्यकताओं का प्रतीक है, इस साल की फसल में कमी की ओर बढ़ रहा है। आवक की जानकारी के मुताबिक, भारत के चावल उत्पादनकर्ता राज्यों में असमान बारिश के कारण चावल की उत्पादकता में लगभग 5% तक की गिरावट आ सकती है।

बारिश की कमी ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे चावल उत्पादक राज्यों को प्रभावित किया है। यह सिर्फ देशी बाजार में ही नहीं, वरन्‌ वैश्विक चावल बाजार में भी कीमतों में वृद्धि की संभावना है।

नेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट (ICAR) ने चावल किसानों को सलाह दी है कि वे छोटी अवधि में पैदा होने वाले चावल की किस्मों पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने बताया कि 90-110 दिनों में तैयार होने वाले चावल की फसल को वरीयता देने से बचाव हो सकता है।

अल नीनो और अप्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण, वित्त वर्ष 2024 में वैश्विक चावल उत्पादन में अनुमानित 7 मिलियन टन की कमी की संभावना है, जिससे वैश्विक चावल की कीमतें बढ़ सकती है।

चावल के उत्पादन में होने वाली कमी ने न केवल देशी बाजार में बल्कि वैश्विक बाजार में भी उत्पादों की कीमतों को बढ़ावा दिया है। किसानों को ताजगी की फसलें बोने की सलाह दी जा रही है ताकि मानसून के असर से बच सकें और उत्पादन में वृद्धि कर सकें।

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