50 किसानों ने मिलकर नदी के साथ किया कुछ ऐसा, देखकर आप भी कहेंगे- सरकार सुध ना ले, तो हर किसान को ऐसा ही करना चाहिए, किसान खोल रहे सरकारी योजनाओं की पोल

गरियाबंद जिले में सूखे की चुनौती के सामने खड़े होकर, देवभोग में 7 गांवों के 50 किसानों ने नदी के रुख मोड़ कर आपसी सहयोग का नया उदाहरण प्रस्तुत किया है

50 किसानों ने मिलकर नदी के साथ किया कुछ ऐसा, देखकर आप भी कहेंगे- सरकार सुध ना ले, तो हर किसान को ऐसा ही करना चाहिए, किसान खोल रहे सरकारी योजनाओं की पोल
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50 किसानों ने मिलकर नदी के साथ किया कुछ ऐसा, देखकर आप भी कहेंगे- सरकार सुध ना ले, तो हर किसान को ऐसा ही करना चाहिए, किसान खोल रहे सरकारी योजनाओं की पोल

गरियाबंद जिले में सूखे की चुनौती के सामने खड़े होकर, देवभोग में 7 गांवों के 50 किसानों ने नदी के रुख मोड़ कर आपसी सहयोग का नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। सूखती हुई फसल को बचाने के लिए उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष का संदेश दिलाया है।





किसानों की संघर्ष:

गरियाबंद जिले में कम बारिश की वजह से किसानों की फसलों पर सूखने का खतरा बढ़ गया था। बुआई के बाद खेतों में दरार दिखाई देने लगी थी और मानसून सीजन में जमीन भी फट गई थी। करोड़ों की लागत से बनाई गई 24 सिंचाई योजनाएं भी किसानों को उपयुक्त पानी पहुंचाने में सक्षम नहीं थीं।





नदी के रुख मोड़ने का प्रयास:

किसानों ने तेल नदी के पार बसे अपने 7 गांवों के संयमित और मेहनती प्रयासों से नदी के रुख मोड़ने में सफलता प्राप्त की। 'तेल नदी जलप्लावन योजना' के तहत बनाई गई योजनाओं से किसानों को सिंचाई की सुविधा प्रदान की जा रही थी, लेकिन तेल नदी के पानी का योजनाओं में पहुंचने में कई बाधाएं थीं। 9 गांव के 600 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई के लिए 400 चेन यानी 12 किमी लंबी नहर भी है, लेकिन जलप्लावन के कुओं में तेल नदी का पानी नहीं आ रहा है।





देवभोग सिंचाई अनुविभाग के अधीन 24 सिंचाई योजनाएं बनाई गईं। सभी योजनाएं वर्षा पर ही निर्भर है। रिकॉर्ड के मुताबिक, इन योजनाओं से देवभोग और अमलीपदर तहसील के 80 गांव में 7,004 हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की सुविधा दी जानी थी। केवल वर्षा के जल पर आधारित इन योजनाओं के तहत तत्कालीन भाजपा सरकार के 15 सालों में ही 150 किमी लंबी मुख्य और शाखा नहरों का जाल बिछा दिया गया। 15 सालों में स्ट्रक्चर और नहर बनाने के लिए इसी इलाके में 300 करोड़ रुपए पानी की तरह बहाया गया।





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