Haryana Wheat: हरियाणा को मिलेगा एक लाख टन गेहूं, सस्ता आटा देने के लिए सरकार ने बनाई यह योजना

Haryana Wheat: हरियाणा को मिलेगा एक लाख टन गेहूं, सस्ता आटा देने के लिए सरकार ने बनाई यह योजना
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Haryana Wheat: हरियाणा को मिलेगा एक लाख टन गेहूं, सस्ता आटा देने के लिए केंद्र सरकार ने बनाई यह योजना

Today Haryana , Chandigarh। Published by: sandeep Verma। Sat. 28 Jan 2023

Wheat & Atta Prices : आटे की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार हरकत में आ गई है और ऐसा कदम उठाया है जिससे गेहूं और आटे के बढ़ते दामों पर लगाम लग सके।

इस बाबत एफसीआई ने कहा कि वह एक फरवरी से 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और ढुलाई लागत के साथ साप्ताहिक ई-नीलामी शुरू करेगा। इसके तहत एफसीआई थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेचने की योजना बना रहा है।

इसी के अंतर्गत हरियाणा को एक लाख टन गेहूं देने की पेशकश की जाएगी। सरकार ने पिछले दिनों गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की योजना की घोषणा की थी।

इस गेहूं से बने आटे को 29.50-30 रुपये प्रति किलो से ज्यादा की दर पर नहीं बेचा जाएगा। आटे की मौजूदा कीमतें 36-38 रुपये प्रति किलो हैं।

रियायती रेट पर दिया जाएगा गेहूं

आपको बता दें कि एफसीआई 30 लाख टन में से ई-नीलामी के माध्यम से आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेचेगा। वहीं दो लाख टन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को और 3 लाख टन अन्य संस्थानों और राज्य सार्वजनिक उपक्रमों को गेहूं को आटे में बदलने के लिए रियायती दर पर दिया जायेगा। इसे 29.50 रुपये प्रति किलो की अधिक दर पर बेचने की अनुमति नहीं होगी।

एफसीआई के चेयरमैन ने क्या कहा

एफसीआई के चेयरमैन अशोक के मीणा ने कहा कि टेंडर पूरे होंगे और ई-नीलामी बुधवार को होगी। नीलामी साप्ताहिक आधार पर हर बुधवार को की जाएगी। पहली नीलामी एक फरवरी को होगी जो 15 मार्च तक चलेगी। गेहूं की पेशकश 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और भाड़ा शुल्क के साथ की जाएगी।

उन्होंने कहा कि एक खरीदार अधिकतम 3,000 टन और न्यूनतम 10 टन तक की मात्रा के लिए बोली लगा सकता है।

हरियाणा के लिए एक लाख टन

एफसीआई चेयरमैन ने कहा कि मध्य प्रदेश और पंजाब में लगभग 5 लाख टन, महाराष्ट्र में 4 लाख टन, राजस्थान में 2.5 लाख टन, बिहार में 1.55 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 1.25 लाख टन और हरियाणा में एक लाख टन गेहूं की पेशकश की जाएगी। मीणा ने यह भी कहा कि गेहूं के लिए निर्धारित आरक्षित मूल्य अधिग्रहण लागत के बराबर है और 2,654 रुपये प्रति क्विंटल की आर्थिक लागत से कम है।

खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी एफसीआई के पास 26 जनवरी की स्थिति के मुताबिक बफर स्टॉक में लगभग 156.96 लाख टन गेहूं था।

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