बागवानी से संबंधित योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल पर पंजीकरण अनिवार्य

बागवानी से संबंधित योजना का लाभ लेने  के लिए मेरी फसल  पर पंजीकरण अनिवार्य
X

किसानों के लिए इस योजना के तहत फलों की खेती पर 40 हजार रुपए व सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रूपए प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा

मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना में 9 अन्य सब्जी व 17 फलों की किस्मों को किया शामिल

मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना में अब कुल 47 फसलें शामिल हुई शामिल

नारनौल 31 जनवरी। किसान बागवानी से संबंधित किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके लिए फसल डॉट हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर बागवानी फसलों का पंजीकरण करा सकतें है। बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बागवानी बीमा योजना चलाई जा रही है। इसमें इच्छुक किसान एमबीबीवाई डॉट एचओआरटीहरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर पंजीकरण करवांए।

यह जानकारी देते हुए जिला उद्यान अधिकारी डा. प्रेम कुमार यादव ने बताया कि यह योजना किसानों को सब्जियों, फलों व मसालों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम से मुक्त कर फसल लागत की भरपाई करने में कारगर साबित होगी। बागवानी किसानों को विभिन्न कारणों से भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है। फसलों में ओलावृष्टिी, पाला, बाढ़, बादल फटना, आंधी तुफान, ज्यादा तापमान व सूखा जैसी आपदाओं से उन्हे नुकसान उठाना पड़ता है। अब इस योजना के तहत सब्जियों फल और मसाले की फसलों को सुरक्षा कवच उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंंने बताया कि जिला के किसानों के लिए इस योजना के तहत फलों की खेती पर 40 हजार रुपए प्रति एकड़, सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रूपए प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा। इसके लिए किसान को फलों की खेती पर एक हजार प्रति एकड़ एवं सब्जियों व मसालों पर 750 रूपए प्रति एकड़ का प्रीमियम भुगतान करना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए एमबीबीवाई डॉट एचओआरटीहरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर बागवानी फसलों का बीमा के लिए पंजीकरण करा सकते हंै। इस योजना के तहत सब्जियों में टमाटर, प्याज, आलू, फूल गोभी, मटर गाजर, भिंडी घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, षिमला मिर्च, पता गोभी व मूली मूली वहीं फलों की फसलों में आम, किन्नू, बेर, लिचि व अमरूद सहित मसालों में हल्दी व लहसुन की फसलों को योजना के तहत सूचीबद्घ किया गया है। उन्होंने बताया कि इनके अतिरिक्त 9 अन्य सब्जी व 17 फलों की किस्मों को भी शामिल किया गया है। अब कुल 47 फसलें योजना में शामिल हो गई हैं। योजना के तहत बीमा दावे का निपटारा करने के लिए सर्वे किया जाएगा जिसके तहत फसल नुकसान को 26 से 50 प्रतिशत, 50 से 75 प्रतिशत और 75 से 100 प्रतिशत में आंका जाएगा। हालांकि इसमें रजिस्ट्रेशन की समय की शर्त जोड़ी गई है, यानि तय समय सीमा में रजिस्ट्रेशन कराने पर ही नुकसान की बीमा राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में ब्लॉक स्तर पर उद्यान विकास अधिकारी कार्यालय में जाकर जानकारी ले सकते हैं।

बॉक्स:

किसान तय समय में करवाएं फसल पंजीकरण

नारनौल। जिला उद्यान अधिकारी डा. प्रेम कुमार यादव ने बताया कि लौकी, करेला, फूलगोभी, अमरूद, भिंडी, बैंगन, ककड़ी, टिंडा, तोरई, कद्दू, खीरा व अरबी के लिए किसान 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक पंजीकरण करवाएं। इसी पकार खरीफ प्याज के लिए 1 अगस्त से 25 सितंबर तक, अमरूद (बरसाती) के लिए 1 अप्रैल से 31 मई तक, अमरूद (शीतकालीन) तथा बेर के लिए 1 सितंबर से 31 अक्टूबर तक, ड्रैगन फल व हल्दी के लिए 1 मई से 31 जुलाई तक, अनार, मालटा, नींबू, लैमन, संतरा, आंवला व किन्नू के लिए 1 मार्च से 31 मई तक पंजीकरण करवाएं। उन्होंने बताया कि आडू, नाशपाती, आलु बुखारा, जामुन, अंगूर, लीची, अंजीर, खजूर व आम के लिए 1 फरवरी से 31 मई तक, चीकू के लिए 1 सितंबर से 30 नवंबर तक, स्ट्राबेरी के लिए 1 सितंबर से 31 जनवरी तक, टमाटर, आलू, फूलगोभी, गाजर, पत्ता गोभी, मूली, लहसुन के लिए 15 सितंबर से 31 जनवरी तक, रबी प्याज के लिए 15 दिसंबर से 31 जनवरी तक, जुकिनी के लिए 15 नवंबर से 31 जनवरी तक तथा भिंडी, लौकी, करेला, बैंगन, मिर्च, शिमला मिर्च, खरबूज, तरबूज, ककड़ी टिंडा, तोरई व कद्दू के लिए 15 जनवरी से 15 मार्च तक पंजीकरण करवाएं।

Tags:
Next Story
Share it