77 साल पहले इस कंपनी ने 247 लीटर दूध के साथ की थी शुरुआत, आज 36.4 लाख किसान बेचते हैं इसे दुध, अब कपनी कमाती हैं हर दिन 150 करोड़ रुपए
आज, अमूल हर दिन 2.63 करोड़ लीटर दूध एकत्रित करता है, और इसके पास 18600 गांवों में करीब 36.4 लाख किसान हैं।

77 साल पहले इस कंपनी ने 247 लीटर दूध के साथ की थी शुरुआत, आज 36.4 लाख किसान बेचते हैं इसे दुध, अब कपनी कमाती हैं हर दिन 150 करोड़ रुपए
आज हम आपको एक ऐसी कंपनी के बारे में बताएंगे जिसने दूध के व्यापार में बड़ा चमकार किया है - अमूल। यह विश्व की सबसे बड़ी दूध उत्पादक कंपनी में से एक है, और इसकी सफलता की कहानी सबको प्रेरित कर रही है।
दूध से शुरुआत
अमूल की कहानी वर्ष 1946 में गुजरात के एक गांव में 250 लीटर दूध से शुरू हुई थी। उस समय, गांव के किसान अपना दूध बेचने में परेशान थे, क्योंकि एक बड़ी कंपनी उनके दुध को महंगे दामों पर खरीद लेती थी।
सहकारी समिति का गठन
तब, एक स्थानीय नेता, त्रिभुवनदास पटेल, ने किसानों की मदद करने के लिए मोरारजी देसाई को गुजरात भेजा। और 1946 में अहमदाबाद के पास आणंद जिले में खेड़ा जिला सहकारी समिति का गठन किया गया। इस समिति का उद्देश्य गांवों से दूध एकत्रित करना था।
अमूल की उन्नति
शुरुआत में सिर्फ़ 2 गांवों से 247 लीटर दूध एकत्रित होता था, लेकिन वर्ष 1948 तक इस संख्या ने वृद्धि की और दूध की मात्रा 5000 लीटर तक पहुंच गई। आज, अमूल हर दिन 2.63 करोड़ लीटर दूध एकत्रित करता है, और इसके पास 18600 गांवों में करीब 36.4 लाख किसान हैं।
सफलता की कुंजी
अमूल की सफलता की कुंजी ने बटर के मामले में उनकी दूध कंपनियों के साथ मुकाबला किया। उन्होंने बटर में नमक मिलाने का फैसला किया, जिससे उनका बटर और लोगों को आकर्षित करने लगा। वे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हुए, जब उन्होंने "Utterly Butterly Delicious" विज्ञापन को लांच किया।
आज, अमूल हर दिन करीब 150 करोड़ रुपये की कमाई कर रहा है, और यह केवल दूध की कहानी नहीं, बल्कि एक साथी समृद्धि की कहानी है, जो गुजरात के किसानों के जीवन को सुधारकर रख दी है।
इसके साथ ही, अमूल ने दूध उत्पादन के क्षेत्र में भारतीय किसानों के लिए एक सफल मॉडल प्रस्तुत किया है, जो उन्हें साथी और स्वावलंबी बनाता है। इसकी यदि सफलता का अर्थ है, तो अमूल इसका उदाहरण है!