Water Harvesting Subsidy Offer: इस राज्य में पानी बचाने के लिए मिल रहा मोटा पैसा, किसानों को 85% तक की सब्सिडी का प्रावधान!

Water Harvesting Subsidy Offer: इस राज्य में पानी बचाने के लिए मिल रहा मोटा पैसा, किसानों को 85% तक की सब्सिडी का प्रावधान!
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Water Harvesting Subsidy Offer: इस राज्य में पानी बचाने के लिए मिल रहा मोटा पैसा, किसानों को 85% तक की सब्सिडी का प्रावधान!

कई राज्यों में भूजल स्तर गिरता जा रहा है. इससे फसल उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ रहा है. इस परेशानी से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने पहले चरण में 1000 रीचार्जिंग बोरवेल लगाने का लक्ष्य रखा है

Water Harvesting Scheme: खेती-किसानी में पानी के प्रभावी इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए कई राज्यों में पर ड्रॉप मोर क्रॉप स्कीम चलाई जा रही है. आपको जानकर हैरानी होगी कि कम पानी में सिंचाई करके नकदी और बागवानी फसलों से कई गुना अधिक उत्पादन मिल रहा है. देश के कई इलाकों में भूमिगत जल संकट भी एक बड़ी समस्या थी, लेकिन अब सूक्ष्म सिंचाई मॉडल ने इन सभी चुनौतियों को दूर कर दिया है. ये सिंचाई पद्धति को अपनाना अब किसानों के लिए और भी सस्ता हो गया है. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम लगवाने के लिए किसानों को सब्सिडी का प्रावधान किया हुआ है.

इसी तर्ज पर हरियाणा सरकार भी ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाने और रिचार्जिंग बोरवेल इंस्टॉल करवाने के लिए किसानों को अनुदान दे रही है. सरकार का मानना है कि ये पानी बचाने और इसका संचयन करने में खास मदद मिलेगी. इससे भूमिगत जल स्तर को भी रिकवर किया जा सकता है.

सूक्ष्म सिंचाई के लिए 85% अनुदान

कृषि में सिंचाई के लिए सबसे ज्यादा निर्भरता भूमिगत जल पर ही रहती है. इसे कायम रखने के लिए पानी की ज्यादा खपत वाली फसलों को हतोत्साहित किया जा रहा है. इसके बजाए बागवानी फसलों की खेती को प्रोत्साहन मिल रहा है.

साथ ही सूक्ष्म सिंचाई मॉडल अपनाने के लिए किसानों को रीचार्जिंग बोरवेल पर अनुदान दिया जा रहा है. हिसार में आयोजित कृषि विकास मेले में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि समय को देखते हुए हमें पानी की खपत को कम करने की जरूरत है.

इसके लिए ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को अपनाना होगा. ये किसानों के लिए सस्ता और सुविधाजनक है, क्योंकि राज्य सरकार सूक्ष्म सिंचाई अपनाने के लिए किसानों को 85% सब्सिडी भी दे रही हैं.

1,000 रीचार्जिंग बोरवेल का लक्ष्य

भारत में अब गिरते भूजल स्तर को वापस रिकवर करने के लिए वर्षा जल संचयन को भी बढ़ावा मिल रहा है. इसके लिए राज्य सराकर रीचार्जिंग बोरवेल लगाने की प्लानिंग कर रही हैं, जिससे बारिश का पानी वापस जमीन में पहुंचाया जा सके. इस काम के लिए किसानों को 25,000 रुपये खर्च करने होंगे. बाकी का खर्च हरियाणा सरकार उठाएगी.

कैसे करें आवेदन

हरियाणा सरकार ने रीचार्जिंग बोरवेल पर आवेदन की प्रक्रिया को ऑनालइन कर दिया है. यदि आप भी हरियाणा के किसान हैं और अपने खेत में चल संचयन के लिए बोरवेल लगवाना चाहते हैं तो सिंचाई और जल संसाधन विभाग, हरियाणा की वेबसाइट hid.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर लाभ ले सकते हैं.

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