धान को रोगों से बचाने और ज्यादा उत्पादन के लिए अपनाएं ये मुफ्त का तरीका

धान की फसल पर लग गए हैं खतरनाक कीट, बिना पैसा खर्च किए इस देसी तरीके से पाएं छुटकारा

धान को रोगों से बचाने और ज्यादा उत्पादन के लिए अपनाएं ये मुफ्त का तरीका
X

खेती विश्वासनीय रूप से हमारे देश की आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। खेतों में बढ़ती हुई खरीफ़ फ़सलों के साथ ही बारिश और कीटों के खतरे भी बढ़ जाते हैं। इस संदर्भ में, हम आपको एक देशी तकनीक के बारे में बताएंगे जिसका नाम है - "पाटा लगाना"। इस तकनीक के माध्यम से किसान फसलों को कीटों से बचा सकते हैं और उत्तम उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

पाटा लगाने क्यों महत्वपूर्ण?

खेती में पाटा लगाना एक प्राचीन और प्रमुख तरीका है जो कीटों के खतरे को कम करने में मदद करता है। यह तकनीक सुंडी, पत्ती लपेटक, और अन्य कीटों को फसल से दूर रखने में सहायक होती है। पाटा लगाने के दौरान खेतों में पानी भी लगाना आवश्यक होता है जो पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देता है।

कैसे करें पाटा लगाना?

पाटा लगाने के लिए एक आकार और वजन में बांस या लकड़ी की आवश्यकता होती है। निम्नलिखित तालिका में इस प्रक्रिया को कदमों में दिखाया गया है:

कदम विवरण

1 बांस या लकड़ी की खोज करें जिसका आकार और वजन समान हों।

2 खेत में पाटा लगाने से पहले पानी का नियमित सिंचाई करें।

3 बांस को खेत में दो बार उल्टा और सीधा दिशाओं में लगाएं।

4 यह प्रक्रिया धान की रोपाई के 20 दिन बाद करें।

पाटा लगाने के फायदे

कीट संरक्षण: पाटा लगाने से सुंडी, पत्ती लपेटक जैसे कीटों को पानी में गिरकर मारा जा सकता है, जो फसल को नुकसान पहुंचाने से बचाता है।

वृद्धि संवर्धन: इस तकनीक से पौधों की वृद्धि पर बेहतर प्रभाव पड़ता है और फसल तेजी से बढ़ती है।

कीटनाशकों की आवश्यकता कम होती है: पाटा लगाने से ज्यादा कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं होती, जो पर्याप्त रूप से पौधों के विकास को सुनिश्चित करता है।

लकड़ी के खंभों की आवश्यकता नहीं: इस तकनीक से खेतों में लकड़ी के खंभों की आवश्यकता नहीं होती, जिससे पैसों की बचत होती है।

सरल तकनीक: यह तकनीक गरीब से गरीब किसान भी आसानी से अपना प्रयोग कर सकते हैं।

संक्षिप्त निरीक्षण: पाटा लगाने का प्रभाव


Tags:
Next Story
Share it