आखिर सिरसा से कालका तक चर्चा में क्यों रहता है यह 'कप्तान', सुर्खियों में रहने की ये है वजह

आखिर सिरसा से कालका तक चर्चा में क्यों रहता है यह कप्तान, सुर्खियों में रहने की ये है वजह
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ऐलनाबाद और आदमपुर उप-चुनाव चुनाब जजपा के नहीं मीनू साहब के 2 समर्थित नेता जिला पार्षद बनवाया है। पर कमाल देखिए कि के अब जिला परिषद चुनावों को लेकर सुर्खियों में आए मीनू बैनीवाल

हरियाणा की राजनीति में पिछले करीब 1 वर्ष से एक शख्स लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। बेशक यह शख्स चुनावी समर में कूदे या न कूदे, लेकिन चर्चा में रहता है। यह किरदार है मीनू बैनीवाल । कप्तान के नाम से मशहूर मीनू बैनीवाल सिरसा जिले के गांव तरकांवाली के रहने वाले हैं। पूरा परिवार विदेश में सैटल है। मीनू बैनीवाल एक बड़े बिजनैसमैन हैं। पहली बार चर्चा में आए पिछले वर्ष ऐलनाबाद के उप-चुनाव में उप- चुनाव में भाजपा-जजपा के लिए प्रचार किया।

ऐलनाबाद उप-चुनाव के बाद मीनू बैनीवाल ऐलनाबाद, विशेषकर सिरसा के पैंतालिसा, राजस्थान नोहर एवं भादरा में सक्रिय दिखे। करोड़ों रुपए उन्होंने विकास कार्यों के लिए दिए। कई-कई स्थानों पर तो 11 लाख से 51 लाख तक नकद दे डाले।

जिला परिषद चुनावों में कप्तान पहले सदस्य भी चुनकर आए हैं। मीनू बैनीवाल तब भी सुर्खियों में आए जब जजपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव दिज्विजय चौटाला ने इशारों ही इशारों मीनू बैनीवाल। में उन पर हमला बोला था। दरअसल हरियाणा के सिरसा जिले की राजनीति में मीनू बैनीवाल लगातार चर्चा में बने हुए हैं। अक्तूबर-नवम्बर में आदमपुर उप-चुनाव में उन्होंने काली गाड़ियों के अपने खास काफिले और टीम कप्तान के साथ प्रचार किया।

जाट बाहुल्य गांवों में उन्होंने अपनी खास रणनीति के अंतर्गत भाजपा उम्मीदवार भव्य को जिताने के लिए काम किया मीनू बैनीवाल सिरसा जिले के गांव तरकांवाली के रहने वाले हैं। लंबे समय तक चौटाला परिवार से जुड़े रहे हैं। अजय चौटाला के वफादार रहे हैं। आदमपुर उप-चुनाव में उन्होंने खुद को भाजपा - जजपा के समन्वयक की संज्ञा दी। चुनाव हों या न हों बेशुमार पैसा दान में देने वाले बैनीवाल आज सिरसा से लेकर कालका तक चर्चा में बने रहते हैं। अभी जिला परिषद के चुनावों में जजपा के खास रहे एक नेता को उन्होंने ही जिला पार्षद

आखिर सिरसा से कालका तक चर्चा में क्यों रहता है यह 'कप्तान', सुर्खियों में रहने की ये है वजह

राजनीति में यह चर्चा है कि अब मीनू की अजय चौटाला परिवार से पहले वाली बात नहीं रही है। खुद दिग्विजय चौटाला ने कुछ दिन पहले मीनू पर हमला बोला था। इसके बाद इनैलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने भी प्रतिक्रिया दी थी। आदमपुर उप-चुनाव में रही थी मीनू की

प्रभावी भूमिका

दरअसल अभी कुछ समय पहले ही आदमपुर के उप-चुनाव में कप्तान मीनू बैनीवाल ने भी चुनाव के अंतिम दिनों में अपनी खास कार्यशैली और रणनीति से चुनाव में खासी भूमिका अदा की। आदमपुर के करीब 53 गांवों में से एक दर्जन से अधिक गांवों में मीनू बैनीवाल की ओर से चुनाव ठीक पहले करीब 6 दिन दी गई दस्तक ने भाजपा को बड़ी जीत दिलाने में एक असरकारक भूमिका से जरूर अदा की।

बेशक इस चुनावी परिणाम में भजनलाल परिवार का आदमपुर की जनता के साथ आधी सदी का भरोसा, कुलदीप और भव्य की जुगलबंदी, समर्पित कार्यकर्त्ताओं की दिन-रात मेहनत, भाजपा की रणनीति का अहम योगदान है तो मीनू बैनीवाल सरीखे किरदार भी रहे हैं जो उन गांवों या बूथ पर अपना असर दिखाते हैं.

चाणक्य के नाम से हैं मशहूर

मीनू बैनीवाल को हरियाणा का अमित शाह भी कहा जाता है। ऐसी भी चर्चा है कि मीनू बैनीवाल ने ही साल 2019 में भाजपा और जजपा का | गठबंधन करवाने में अहम भूमिका अदा की। 2019 में भाजपा को 40 | जबकि जजपा को 10 सीटों पर जीत मिली थी।

इसके बाद भाजपा ने जजपा और 6 आजाद विधायकों के साथ मिलकर | सरकार बनाई थी। जब मीनू बैनीवाल के बेटे पढ़ने के लिए विदेश गए थे | तब उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोटो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। गौशालाओं को नकद पैसे, ट्रैक्टर देने, दान में करोड़ों | रुपए देने के अलावा मीनू बैनीवाल अपने खास अंदाज के लिए भी जाने | जाते हैं। वह बेहद महंगी और पॉश लेकिन काले रंग की आधा दर्जन गाड़ियों के काफिले में चलते हैं और उनकी सुरक्षा में बाऊंसर रहते हैं।

उनके पक्ष का प्रत्याशी प्रतिद्वंद्वी से कमतर नजर आता है। करके मीनू बैनीवाल अपनी टीम के ऐसे मतदान केंद्रों को ही लक्षित साथ विपक्षी खेमे में ऐसी सेंध लगाते हैं कि उन्हें कानों कान खबर नहीं लगती। वैसे भी अतीत के चुनाव, तथ्यों की पड़ताल से यह साफ हो जाता है कि चुनावी प्रबंधन में मीनू का कोई सानी नहीं है। ऐलनाबाद उप-चुनाव में दिखे थे सक्रिय इससे पहले पिछले साल अक्तूबर में हुए ऐलनाबाद उप चुनाव में भी मीनू बैनीवाल अपने राजनीतिक कौशल को दिखा चुके हैं।

इसके बाद आदमपुर के उप-चुनाव के अंतिम 5 6 दिनों में कप्तान मीनू बैनीवाल चुनाव में खूब काम किया। उन्होंने गांव-गांव में दस्तक दी। प्रबंधन की अनुभवी और भरोसेमंद टीम ने गांव-गांव में दस्तक दी और सकारात्मक दिशा दी। भाजपा के पक्ष में बने माहौल को कुशल नेता की तरह कप्तानी करने वाले अपने नाम के ही माफिक एक मीनू बैनीवाल ने विशेषकर आदमपुर विधानसभा क्षेत्र के जाट बाहुल्य गांवों में भी पसीना बहाया।

उन्होंने भाजपा समान तरीके सलीके से किए जाने वाले की तमाम समुदाय जाति के प्रति एकऔर हरियाणा में हुए क्रांतिकारी बदलावों को लेकर संक्षिप्त लेकिन तथ्यपूर्ण तरीके से अपनी बात जनमानस के बीच रखी। अधिकांश नेताओं स हटकर संक्षेप में सधे हुए और तथ्यपरक तरीके से अपनी बात रखने वाले मीनू बैनीवाल का अंदाज और कार्यशैली दोनों ही मतदाताओं को पसंद आए।

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